For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

" अम्बे है मेरी माँ , दुर्गे है मेरी माँ " गुनगुनाते हुए बटोही गली में झाड़ू लगा रहा था | अचानक सामने से एक भीड़ आई और वो किनारे हट गया |
" अरे मिल गया रे झाड़ू " चिल्लाते हुए लोगों का हुजूम , जिसमे कुछ खद्दरधारी भी थे , बटोही की ओर बढ़ा | जब तक वो कुछ समझे , झाड़ू छीन लिया गया था और फिर भीड़ ने बारी बारी से झाड़ू लगाते हुए फोटो खिंचाई | इसी छीना छपटी में बेचारे बटोही का झाड़ू भी टूट गया |
" सर , मेरी फोटो देखी आपने , आजके सांध्यकालीन अखबार में छपी है " , बताते हुए नेताजी बहुत प्रसन्न थे | उधर बटोही नगर निगम में झाड़ू टूट जाने की वजह से झाड़ खा रहा था और गांधीजी की प्रतिमा खामोश थी |

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 539

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on October 6, 2014 at 9:22pm

 बहुत बहुत आभार आदरणीया वंदनाजी..

Comment by विनय कुमार on October 6, 2014 at 9:22pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारीजी..

Comment by विनय कुमार on October 6, 2014 at 9:21pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय जितेंद्रजी..

Comment by विनय कुमार on October 6, 2014 at 9:20pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय गणेशजी बागीजी..

Comment by vandana on October 5, 2014 at 6:32am

जबर्दस्त व्यंग्य आदरणीय .... तीन फुट की जगह में 7-8 झाडू !!!! सफाई की  इसी सच्चाई को व्यक्त करती है 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 4, 2014 at 10:19am

बहुत जबरदस्त कटाक्ष किया है अभी अखबार में इसी तरह की तस्वीर देख ही रही थी .बहुत- बहुत बधाई. 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 4, 2014 at 9:42am

सामयिक खोखलेपन पर एक करारा प्रहार करती लघुकथा पर हार्दिक बधाई आदरणीय विनय जी


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 3, 2014 at 8:32am

आदरणीय विनय जी, प्रस्तुत लघुकथा करारा तंज करने में सफल है, बहुत बहुत बधाई।

Comment by विनय कुमार on October 2, 2014 at 11:20pm

बहुत बहुत आभार सुलभ अग्निहोत्रीजी..

Comment by Sulabh Agnihotri on October 2, 2014 at 8:48pm

वाह ! बहुत तीखा वार है ।
यही संस्कृति बन गयी है हमारी, काम नहीं करते - सिर्फ काम का दिखावा करते हैं और प्रयास होता है कि सारा श्रेय फोकट में बटोर ले जायें।
बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।  दुर्वयस्न को दुर्व्यसन…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
22 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
23 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
23 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service