For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे-१७ (प्रेम पियूष)

खिली रातरानी यहाँ,हुई रुपहली रात!
कानों में आ फिर कहो,वही प्यार की बात !!

 

अधरों से बातें करें,नयनों से आदेश!
घायल कर जाती सदा,झटके जब वे केश !!

 

कर में कर लेकर किया,हमने यूँ अनुबंध!
खिला रहे फूले फले,प्यारा मृदु सम्बन्ध !!

 

वही रुपहली रात है,सुन्दर सुखद प्रभात!
लेकिन तुम बिन हो प्रिये,किससे मन की बात !!

 

दीवाना कुछ यूँ हुआ,न दिवस दिखे न रात !
खुद से ही करने लगा,बहकी बहकी बात!!
*************************************************
राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 410

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 21, 2014 at 9:10pm

बढिया प्रयास हुआ है. शुभकामनाएँ

Comment by ram shiromani pathak on July 20, 2014 at 2:46pm

उत्साह वर्धन हेतु  हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण  जी। … सादर

Comment by ram shiromani pathak on July 20, 2014 at 2:45pm

सुझाव के लिए हार्दिक आभार आदरणीय गोपाल  जी। … सादर

Comment by ram shiromani pathak on July 20, 2014 at 2:44pm

हार्दिक आभार भाई जीतेन्द्र जी। … सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 16, 2014 at 11:41am

आ0 भाई राम सिरोमणी जी प्रेमपगे लाजवाब दोहों के लिए बहुत बहुत बधाई ।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 14, 2014 at 2:50pm

प्रिय

दोहे के सम चरण की रचना  4+4+3 या 3+3+2+3   होती है  इस लिहाज से  ' न दिवस दिखे न रात ' में प्रथम न उच्चारण में 'ना ' हो जाता है  i इसे यदि  'दिवस दिखे  नहि रात ' करे तो 3+3+2+3  का संगठन पूरा हो जाएगा i

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 13, 2014 at 10:16am

बहुत ही सुंदर दोहावली, बधाई आदरणीय राम शिरोमणि जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"एक छोटा सा अंतर है किसी को अपना उस्ताद या गुरु मानते हुए संबाेधित करने और मंच पर किसी…"
28 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
51 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने गिरह भी ख़ूब है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
53 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार एक ग़ज़ल क ही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
54 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इतनी मुश्किल भी नहीं सच्ची कहानी लिखना एक राजा की मुहब्बत में है रानी लिखना उसकी तारीफ़ में जो…"
57 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
58 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
58 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय Aazi जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
58 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय गजेन्द्र जी बहुत शुक्रिया आपका बेहतरी का प्रयास करूंगी सादर"
59 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
59 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए गिरह भी ख़ूब  सादर"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service