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वो बरगद आरियों का निशाना हो गया है

1222  122  1222  122

वो बरगद आरियों का निशाना हो गया है

परिन्दा दर ब दर बेसहारा हो गया है

 

हवस दुनिया की बरबाद कर देती उसे भी

चलो मुफ़लिस की बेटी का रिश्ता हो गया है

 

गरीबी थी कि मजबूरी थी बच्चे की कोई

वो लड़का बोझ से ही सयाना हो गया है

 

है बन्जर चाँद तो ताज में है सिर्फ कब्रें

लो हुश्नो इश्क का भी खुलासा हो गया है

 

हैं लालच बैर नफ़रत भरा इस दिल मैं अब तो

मुहब्बत के लिए मार्ग सँकरा हो गया है

 

खबर मरने की आएगी अखबारों में उसके

सियासत के लिए अब वो खतरा हो गया है

 

है गम तुझको बिछड़ने का मुझसे मेरे यारा

कि खत में स्वाद शब्दों का खारा हो गया है

 

मौलिक व अप्रकाशित

गुमनाम पिथौरागढ़ी

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 7, 2014 at 5:02am

ग़ज़ल की बह्रों को निभाने में सहुलियत हो रही है अब. 

कुछ दोषों की ओर भी ध्यान दिया करें. जैसे, शिकस्ते नारवा का दोष.

शुभेच्छाएँ.

Comment by gumnaam pithoragarhi on June 5, 2014 at 3:26pm
dhanywaad dosto,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Comment by बृजेश नीरज on June 4, 2014 at 10:59pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by annapurna bajpai on June 4, 2014 at 7:53am

  उम्दा गजल , बधाई आपको । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 3, 2014 at 10:10pm

वो बरगद आरियों का निशाना हो गया है

परिन्दा दर ब दर बेसहारा हो गया है ------------- बहुत खूब , भाई गुमनाम जी , हार्दिक बधाइयाँ ॥

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 1, 2014 at 11:46pm

हैं लालच बैर नफ़रत भरा इस दिल मैं अब तो

मुहब्बत के लिए मार्ग सँकरा हो गया है...............वर्तमान का कटु सत्य, बधाई आदरणीय गुमनाम जी

Comment by Maheshwari Kaneri on June 1, 2014 at 7:55pm

वो बरगद आरियों का निशाना हो गया है

परिन्दा दर ब दर बेसहारा हो गया है  ...विचारपूर्ण बेहतरीन ग़ज़ल  ..बहुत बहुत बधाई i 

Comment by coontee mukerji on June 1, 2014 at 12:39pm

समाज की कितनी सारी विकृतियाँ हैं....एक एक शेर चीख चीख कर कह रहा है.

Comment by Zid on May 31, 2014 at 9:31pm

Friend,

बात कहते हो इस तरह के मुझे भी अपना ख्याल याद आ गया है
इंसा बनने से मजबूर  वरना ज़िद आरज़ू का सिला याद आ गया है

Comment by gumnaam pithoragarhi on May 31, 2014 at 9:09am

शुक्रिया दोस्तो आपने सराहा कोशिश सफल हुई

कृपया ध्यान दे...

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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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