For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फकत वोटों की खातिर झूठे वादे करने वालों को
सबक सिखलाएंगे अब के छलावे करने वालों को ...


नहीं गुमराह होंगे हम किसी की बातों में आ कर 
न गद्दी पर बिठाएंगे तमाशे करने वालों को...

गरीबी,भुखमरी,बेरोजगारी से लड़ेंगे वो
चलो हम हौसला देवें इरादे करने वालों को ...

चुनावी वायदे अपने कभी पूरे नहीं करते
बहाना चाहिए कोई बहाने करने वालों को....

सियासी चाल में फंस कर अंधेरों में हैं हम भटके
कि अब के वोट डालेंगे उजाले करने वालों को....

मौलिक व अप्रकाशित ....

Views: 461

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 28, 2014 at 3:06am

गरीबी,भुखमरी,बेरोजगारी से लड़ेंगे वो
चलो हम हौसला देवें इरादे करने वालों को .

 

सियासी चाल में फंस कर अंधेरों में हैं हम भटके
कि अब के वोट डालेंगे उजाले करने वालों को....

वाह !

आदरणीय अजय अज्ञातजी,  सामयिक ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई.

सादर

Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 25, 2014 at 5:13pm

आगामी चुनावो से पहले जनता को जागरूक और सचेत करती इस शानदार रचना के लिए तहे दिल बधाई स्वीकार करें ..सादर

Comment by Abhinav Arun on March 25, 2014 at 2:33pm

सुन्दर सामयिक।।।।।।।।।। बधाई आदरणीय !!!

Comment by Mukesh Verma "Chiragh" on March 25, 2014 at 12:53pm

आ. अजय जी ,

बहुत सुंदर, सामयिक और खूबसूरत रचना.

इस नाचीज़ की तरफ से मुबारकबाद स्वीकार करें.

"चिराग"

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 24, 2014 at 11:51pm

बहुत बढ़िया गजल आदरणीय अजय जी, सभी शेर जोश भरा सन्देश देते हुए . हार्दिक बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 24, 2014 at 10:38am

आदरणीय अजय भाई , सुन्दर सामयिक ग़ज़ल के लिये आपको बधाइयाँ ॥

Comment by वीनस केसरी on March 24, 2014 at 12:32am

सामयिक विचार की सुन्दर अभिव्यक्ति
सीख देती हुयी शानदार ग़ज़ल के लिए ढेरो दाद

Comment by बृजेश नीरज on March 23, 2014 at 8:10pm

अच्छी ग़ज़ल! आपको बहुत-बहुत बधाई!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 23, 2014 at 7:06pm

आदरणीय अजय जी अच्छी संदेश देती हुई ग़ज़ल है बहुत बहुत बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service