For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रेम तृणों से .

प्रेम तृणों से  …….

पलक पंखुड़ी में प्रणय अंजन से 
सुरभित संसृति का श्रृंगार करो 
भ्रमर गुंजन के मधुर काल में 
कुंतल पुष्प श्रृंगार करो 
तृप्त करो तुम नयन तृषा को 
मिलन क्षणों को स्वीकार करो 
अपने उर में अपने प्रिय की 
अनुपम सुधि से श्रृंगार करो 
विस्मृत कर प्रतिकार सभी तुम 
श्वासों में प्रेम श्रृंगार करो 
चिर सुख के प्यासे अधरों पर 
तृप्ति वृष्टि का संचार करो 
अभिलाषाओं की बस्ती में तुम 
प्रेम तृणों से श्रृंगार करो, 
प्रेम तृणों से श्रृंगार करो ……..

सुशील सरना

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 875

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 27, 2013 at 12:59pm

aa.Sourabh Pandey jee rachna par aapke snehpoorn sujhaav ka haardik abhaar....is gyanvardhak jaankaare ke liye tahe dil se shukriya...kripya sneh bnaye rakhain...haardik aabhaar


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 26, 2013 at 11:35pm

श्रृंगार को शृंगार की तरह लिखा करें, आदरणीय

सादर

Comment by Sushil Sarna on December 25, 2013 at 12:59pm

aa.Baidya Nath jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar --prtutar men vilamb ke liye kshma

Comment by Sushil Sarna on December 25, 2013 at 12:42pm

aa.Coontee Mukerji jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by coontee mukerji on December 24, 2013 at 10:52pm

बहुत सुंदर रचना.हार्दिक बधाई.

Comment by Sushil Sarna on December 24, 2013 at 7:41pm

aa.Vijay Nikore jee rachna par aapkee snehaasheesh ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 24, 2013 at 7:41pm

aa.Jitendra Geet jee rachna par aapkee aatmeey prashansa ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 24, 2013 at 7:40pm

aa.Annapurna Bajpai nee rachna par aapkee snehil prashansa ka hardik aabhaar

Comment by vijay nikore on December 24, 2013 at 6:38pm

सुंदर रचना के लिए बधाई।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 24, 2013 at 9:09am

बहुत सुंदर भावों से संजोयी रचना, बधाई स्वीकारे आदरणीय शुशील जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
16 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service