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प्रेम तृणों से .

प्रेम तृणों से  …….

पलक पंखुड़ी में प्रणय अंजन से 
सुरभित संसृति का श्रृंगार करो 
भ्रमर गुंजन के मधुर काल में 
कुंतल पुष्प श्रृंगार करो 
तृप्त करो तुम नयन तृषा को 
मिलन क्षणों को स्वीकार करो 
अपने उर में अपने प्रिय की 
अनुपम सुधि से श्रृंगार करो 
विस्मृत कर प्रतिकार सभी तुम 
श्वासों में प्रेम श्रृंगार करो 
चिर सुख के प्यासे अधरों पर 
तृप्ति वृष्टि का संचार करो 
अभिलाषाओं की बस्ती में तुम 
प्रेम तृणों से श्रृंगार करो, 
प्रेम तृणों से श्रृंगार करो ……..

सुशील सरना

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Sushil Sarna on December 27, 2013 at 12:59pm

aa.Sourabh Pandey jee rachna par aapke snehpoorn sujhaav ka haardik abhaar....is gyanvardhak jaankaare ke liye tahe dil se shukriya...kripya sneh bnaye rakhain...haardik aabhaar


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 26, 2013 at 11:35pm

श्रृंगार को शृंगार की तरह लिखा करें, आदरणीय

सादर

Comment by Sushil Sarna on December 25, 2013 at 12:59pm

aa.Baidya Nath jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar --prtutar men vilamb ke liye kshma

Comment by Sushil Sarna on December 25, 2013 at 12:42pm

aa.Coontee Mukerji jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by coontee mukerji on December 24, 2013 at 10:52pm

बहुत सुंदर रचना.हार्दिक बधाई.

Comment by Sushil Sarna on December 24, 2013 at 7:41pm

aa.Vijay Nikore jee rachna par aapkee snehaasheesh ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 24, 2013 at 7:41pm

aa.Jitendra Geet jee rachna par aapkee aatmeey prashansa ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 24, 2013 at 7:40pm

aa.Annapurna Bajpai nee rachna par aapkee snehil prashansa ka hardik aabhaar

Comment by vijay nikore on December 24, 2013 at 6:38pm

सुंदर रचना के लिए बधाई।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 24, 2013 at 9:09am

बहुत सुंदर भावों से संजोयी रचना, बधाई स्वीकारे आदरणीय शुशील जी

कृपया ध्यान दे...

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