For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये जो पुराना दरख्त है 

इससे बहुत पुराना संबंध है 

पंक्षी भी अब रात गुजारने  नहीं आते

आते हैं कुछ देर ठहर के चले जाते 

इसे अब पानी भी अब कोई नहीं देता

अब तो इसकी कोई छांव भी नहीं लेता

बड़ी रौनक थी आँगन मे इसकी 

बड़ी चमक थी चेहरे पे इसकी 

बूढ़ा दरख्त इसे याद करके काँप गया ... 

इक थरथर्राहट सी करी ....

और शांत हो गया 

ये जो पुराना दरख्त है ... 

इससे बहुत पुराना संबंध हैं .... ।

"मौलिक व अप्रकाशित"दी

Views: 613

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 30, 2013 at 10:47am

आँगन में खड़ा पुराना दरख्त कितनी यादों को जीता है....

इस हर दिल के करीब बसे भाव को प्रस्तुत करने के लिए बधाई आ० आमोद जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 25, 2013 at 1:59pm

गहन दृष्टि से रचना को पढ़ने और मेरे कहे के निहितार्थ को अनुमोदन करने के लिए सादर धन्यवाद, आदरणीय सुशीलजी.

Comment by Sushil.Joshi on October 25, 2013 at 5:09am

सुंदर प्रस्तुति है आ0 आमोद जी..... लेकिन रचना के भावों के साथ उसका प्रस्तुतिकरण भी महत्वपूर्ण है..... आपने आ0 सौरभ जी के कहे अनुसार उस शब्द को तो ठीक कर दिया किंतु उसमें अभी भी टंकण त्रुटि है..... तृतीय पंक्ति में 'पंक्षी' शब्द में अनुस्वार कहाँ से आ गया....... कृपया रचना पोस्ट करने से पहले इन सामने दिखने वाली त्रुटियों पर नज़र डालें तो अति उत्तम है.... बधाई इस कृति के लिए...

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on October 24, 2013 at 11:56pm

जो हालत दरख्त की वही हालत आज्कल बुजुर्ग की। बधाई अमोद भाई। 

ये जो पुराना दरख्त है //// ये जो बूढ़ा  दरख्त है 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 24, 2013 at 11:10pm

आदरणीय आमोद जी प्रयास अच्छा है किन्तु रचना आपसे समय की मांग करती दीख रही है. प्रयास हेतु बधाई स्वीकारें

Comment by Amod Kumar Srivastava on October 24, 2013 at 7:43pm

आदरणीया मीना पाठक जी आपने उत्साहवर्धन करा आपका आभार ... 

Comment by Amod Kumar Srivastava on October 24, 2013 at 7:42pm

आदरणीय सौरभ पांडे जी आपका धन्यवाद ... ये पुराना दरख़्त शब्द है  क्षमा चाहता हूँ... 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 24, 2013 at 6:09pm

आदरणीय आमोद भाई , बुजुर्गियत को इंगित आपकी रचना के लिये बधाई !!!!

Comment by Shyam Narain Verma on October 24, 2013 at 5:56pm
भावनाओं से ओतप्रोत रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें.... 
Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 24, 2013 at 5:04pm

सुन्दर रचना पर बधाई के साथ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

AMAN SINHA posted a blog post

पुकार

कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है? क्यों है तू फंसा…See More
6 hours ago
Nisha updated their profile
yesterday
Nisha shared Admin's discussion on Facebook
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। दोहे के बारे में सुझाव…"
Thursday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"सार्थक दोहे हुए, भाई मुसाफिर साहब ! हाँ, चौथे दोहे तीसरे चरण में, संशोधन अपेक्षित है, 'उसके…"
Thursday
Chetan Prakash posted a blog post

कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः

दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है…See More
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

जलते दीपक कर रहे, नित्य नये पड्यंत्र।फूँका उन के  कान  में, तम ने कैसा मंत्र।१।*जीवनभर  बैठे  रहे,…See More
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर उपस्थितिभाव.पक्ष की कमी बताते हुए मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"मेरे सुझाव को स्वीकार कर तदनुरूप रचना में सुधार करने के लिए मैं आपका आभारी हूँ, आदरणीया विभा रानी…"
Wednesday
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"अवसर : शुभेक्षु "आपको सर्वोच्च शैक्षिक डिग्री अनुसन्धान उपाधि प्राप्त किए इतने साल गुजर गये!…"
Wednesday
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"जी महोदय Saurabh Pandey जी हार्दिक धन्यवाद आपका गलतियाँ सुधार ली जायेंगी"
Wednesday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service