For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रेम दुलार जगावत मानवता मन भावत भारत प्यारा ।
गीत खुशी सब गावत नाचत मंगल थाल सजावत न्यारा ।
बंधु सभी मिल बैठ करे नित चिंतन सुंदर हो जग प्यारा ।
ये सपना मन भावन देख ‘‘रमेश‘‘ खुशी मन गावत न्यारा ।
.........................................................
मौलिक अप्रकाशित

Views: 526

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 5:15pm

सुन्दर प्रयास हेतु // आपको हार्दिक बधाई!

Comment by बृजेश नीरज on September 25, 2013 at 9:49pm

बहुत ही अच्छा प्रयास! आपको हार्दिक बधाई!

सुधि जनों के सुझावों पर ध्यान दें और प्रयासरत रहे.

सादर!

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 25, 2013 at 10:38am

आदरणीय रमेश भाई प्रयास बहुत ही अच्छा किया है आपने इस बार मात्राएँ ठीक हैं किन्तु भाव खुल के नहीं आ पा रहा है जैसा कि संदीप भाई जी ने भी कहा थाल के साथ न्यारा नहीं न्यारी होना चाहिए ठीक वैसे ही अंतिम पद ( यानि ‘‘रमेश‘‘ खुशी मन गावत न्यारा) मुझे यहाँ भाव खुल के नहीं दिख रहा है. खैर सतत प्रयासरत रहें शीघ्र ही सध जायेगा इस प्रयास पर बधाई स्वीकारें.

Comment by रमेश कुमार चौहान on September 25, 2013 at 10:20am

आदरणीय रविकर जी, आदरणी गिरिराज जी, आदरणीय संदिपजी एवं आदरणीया अन्पूर्ण दीदीजी आपलोगो के स्नेह मै गौरवांवि हो अाप सब का सादर आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 24, 2013 at 5:07pm

आदरणीय रमेश भाई , छंद ज्ञान नही है मुझे , विचार , भाव , शब्दों का चयन बहुत बढ़िया है , आपको हार्दिक बधाई !!

Comment by annapurna bajpai on September 24, 2013 at 4:56pm
sunadar savaiya hetu apko badhai .
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 24, 2013 at 4:24pm

आदरणीय सुखद प्रयास हेतु बधाई हो 

किन्तु 

मंगल थाल सजावत न्यारा । क्या यह सही है थाल है तो न्यारी होना चाहिए था न 

Comment by रविकर on September 24, 2013 at 2:23pm

बढ़िया अभ्यास हो रहा है आदरणीय रमेश जी-
शुभकामनायें-

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service