For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल
वजन : 2212 2212

 

बकवास सारा आ गया,
खबरों में रहना आ गया ।1। 
 

जो धड़कनें पढ़ने लगे, 
तो शेर कहना आ गया ।2।

 

जब सिर बँधी पगड़ी मेरे,
तब ही से सहना आ गया ।3।

 

जब से सियासत सीख ली,
कह के मुकरना आ गया ।4।

 

दो बेटियों का बाप हूँ,
मुझको भी डरना आ गया ।5।

(मौलिक व अप्रकाशित)

पिछला पोस्ट => लघुकथा : डर

Views: 1340

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 2, 2014 at 4:55pm

 टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार प्रिय आशीष नैथानी जी। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 2, 2014 at 4:54pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ अनिल मिश्रा जी, आपकी उत्साहवर्धन करती टिप्पणी पुरस्कार सदृश है, ओ बी ओ मंच आप सभी का मंच है बहुत बहुत स्वागत और अभिनन्दन है पुनः धन्यवाद प्रेषित है। 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on September 25, 2013 at 7:57pm

जब से सियासत सीख ली,
कह के मुकरना आ गया ।|

वाह वाह,  बहुत खूब  !!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 19, 2013 at 8:35am

आपकी बहुमूल्य टिप्पणी हेतु आभार आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेई जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 19, 2013 at 8:32am

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी और प्रिय पीयूष भाई, सराहना हेतु आप दोनो का आभार |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 19, 2013 at 8:29am

आदरणीय डाक्टर आशुतोष मिश्रा जी, ग़ज़ल पसंद करने के लिए आभार, अंतिम शेर मुझे भी अधिक पसंद है |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 19, 2013 at 8:28am

धन्यवाद आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 19, 2013 at 8:23am

आपकी सराहना सर माथे पर आदरणीया प्रवीना मल्लिक जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 19, 2013 at 8:23am

सराहना और प्रोत्साहन हेतु आभार आदरणीया सरिता बहन |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 19, 2013 at 8:22am

बहुत बहुत आभार भाई जितेंद्र जी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service