For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"क्या यह बात सच है कि कल तुम्हारी बेटी से बलात्कार किया गया ?"
"हाँ साहब, कल शाम खेतों से लौटते हुए मेरी बेटी की इज्ज़त लूटी गई !"
"क्या तुम जानते हो कि दोषी कौन है !?"
"मैं ही नही साहब, सारा गाँव जानता है उस पापी को जिसने मेरी बेटी को बर्बाद किया है !"
"मगर इतनी बड़ी बात होने के बावजूद भी तुमने थाने जाकर रिपोर्ट क्यों नहीं लिखवाई ?"
"क्योंकि मैं अपनी बेटी का सामूहिक बलात्कार नही चाहता था ! "

Views: 936

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 21, 2017 at 9:23pm

वाह | सामूहिक बलात्कार नहीं करवाना चाहता था , गज़ब का तंज़ | सादर नमन सर |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 3, 2015 at 8:02pm
नमन सर। कथा की कसावट गज़ब है।

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 21, 2012 at 11:48am

तह-ए-दिल से शुक्रिया आदरणीय सौरभ भाई जी..


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 21, 2012 at 11:47am

आभार महिमा जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 16, 2012 at 9:39pm

आदरणीय, अद्भुत कसावट के साथ उत्कृष्ट लघुकथा केलिये आपको सादर नमन.

Comment by MAHIMA SHREE on April 16, 2012 at 9:23pm
आदरणीय सर ,
ओह !! कितनी घिनोना है हमारा समाज का आचरण , इस छोटी सी कथा ने इसका मुखोटा निकाल दिया |
एक गरीब आदमी के औकात ही क्या है जो अपनी बेटी के लिये वयवस्था से लड़ सके, गहरा व्यंग जो तीर के तरह लगी
साधुवाद आपको सर
 
 
 

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on December 25, 2010 at 12:54pm
भास्कर भाई, भूल के लिए क्षमा चाहता हूँ ! आपने लघुकथा पसंद की और अपना कीमती वक़्त निकाल कर उस पर प्रतिक्रिया दी , इसके लिए दिल से आभारी हूँ आपका !
Comment by Bhasker Agrawal on December 25, 2010 at 12:32pm
में रह गया योगराज जी ;)

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on December 25, 2010 at 12:27pm
श्री रवि कुमार गुरु जी, भाई गणेश बागी जी, भाई शमशाद अंसारी जी, भाई नवीन चतुर्वेदी जी, भाई आशुतोष कुमार सिंह जी, भाई अरुण पाण्डेय अभिनव जी, भाई राकेश गुप्ता जी, सुश्री नीलम उपाध्याय जी, अनीता मौर्य जी, रंजना सिंह जी, लता ओझा जी, अलका तिवारी जी, एवं आदरणीय आचार्य संजीव सलिल जी - उत्साहवर्धक प्रतिक्रियाओं के लिए आप सब का दिल से आभार !
Comment by sanjiv verma 'salil' on December 25, 2010 at 12:04pm
मार्मिक... विचारणीय... पहलू को उद्घाटित किया है आपने.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service