For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हो नहीं आक्रांत,
समर्पण भाव पर
सुर्ख आह्लाद की
जो छाप है,
भाव उन्नत उपजते
बुद्धि उर्वर,विवेक में
समृद्ध मनन का निवास है,
ना विकलता,
उर में यदि
धवल शान्ति का
प्रकाश विद्यमान है,
जीवन्तता
निरन्त चक्र सम
चैतन्यता
रग-रग मे तुम्हारे जो व्याप्त है,
तो समझ लो
हे आत्मन्!
ये तुम्हारा ही नहीं
राष्ट्र का उत्थान है।
स्व से उठकर
'पर' पर जो तुम्हारा राग है,
ध्वज तुम्ही हो,आन और...
राष्ट्र-गौरवगान हो।
-विन्दु
(मौलिक/अप्रकाशित)

Views: 659

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 2:52pm

आदरणीया वंदना जी,अतीव सुन्दर रचना ///कई बार पढ़ा मैंने /// हार्दिक बधाई

Comment by रविकर on August 19, 2013 at 10:56am

बढ़िया-है आदरणीया वंदना जी-
शुभकामनायें-

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 18, 2013 at 8:21pm

सुंदर रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीया वंदना जी

Comment by राज़ नवादवी on August 18, 2013 at 11:53am

'उर में यदि
धवल शान्ति का
प्रकाश विद्यमान है,
जीवन्तता
निरन्त चक्र सम
चैतन्यता
रग-रग मे तुम्हारे जो व्याप्त है,
तो समझ लो
हे आत्मन्!
ये तुम्हारा ही नहीं
राष्ट्र का उत्थान है।'

ये पंक्यियाँ सुन्दर बन पडी हैं यद्यपि पूर्ण कविता में विन्यास के गठाव की संभावनाएं भी शेष हैं. बधाई हो! 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 17, 2013 at 5:17pm

बहुत अच्छी रचना , अति सुन्दर !! बधाई !!

Comment by annapurna bajpai on August 17, 2013 at 1:52pm
आदरणीया वंदना जी अनुपम रचना के लिए बधाई आपको ।
Comment by Shyam Narain Verma on August 17, 2013 at 12:00pm
बहुत ही सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service