For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जागो मेरे स्वामी जागो...

देवोत्थानी एकादशी के अवसर पर मेरे पूज्य पिताजी देवों को जगाया करते थे आज उनकी स्मृति को मन मे संजोए उनकी परंपरा का निर्वाह मै निम्न शब्दों से करता हुआ आप सबको देव- उठानी एकादशी की बधाई देता हूँ.



जागो मेरे स्वामी जागो...

तुम सोए तो सो जाती है...

इस जग की ममता अनजानी,

कहाँ... न जाने खो जाती है,

मेरी भी क्षमता अनचीन्ही..



तुम जागो तो विश्व जागेगा

मानवता..विश्वास जगेगा...

भेद भावना , कलुष मिटेगा

मन मे एक उपवन महकेगा..



तुम सोए तो...विधि पर भी

मधु-कैटभ भारी पड़ते हैं....

थोड़ी सी मोहलत पा कर

वे युगों आप से लड़ते हैं...



जागो तुम तो भाग्य जगेगा

मित्र भाव और प्रेम बढ़ेगा...

मन का भीति भाव भागेगा..


समरसता का युग जागेगा




जागो तुम कि जग जाए ये देश हमारा...

जागो तुम कि भाग जाए दुख संकट सारा..



जागो तुम कि नदियाँ रहें

हमेशा निर्मल...

बहता रहे अबाध...निरंतर

उनमे शुद्ध स्वच्छ पावन जल...



जागो तुम कि नर-नारी का औसत

कहीं बिगड़ ना जाए...

जागो तुम कि मातृ उदर मे

कन्या प्रीति सहित पल पाए....



जागो तुम कि जगे आस्था..

युगों पुरानी बचे व्यवस्था..

शिबि-दधीचि के भाव जगा कर

मन मंदिर मे प्रभु छा जाओ.



कहाँ सो रहे हो अब जागो..

जागो मेरे मालिक जागो..

बहुत सो लिए अब तो जागो

जागो मेरे स्वामी जागो.

......................................... डा. बृजेश कुमार त्रिपाठी

Views: 436

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on November 17, 2010 at 2:20pm
नवीन जी , राणा प्रताप जी , और गणेश भैया आपको मेरी इस कविता में आनंद आया ..यही मेरा पुरुस्कार और लेखन की सफलता है

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 17, 2010 at 9:06am
ब्रिजेश भईया, अपने आप मे एक अलग तरह की रचना पढने को मिली , खुबसूरत काव्य कृति हेतु बधाई |

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on November 15, 2010 at 2:16pm
देवोत्थानी एकादशी पर अति सुन्दर रचना...
भेद भावना तमस मिटेगा
समरसता अमृत बरसेगा|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
10 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service