कच्चे रास्ते में, रास्ता होने की,
असली खुश्बू होती है।
वह चलता है और चलाता है
उसमें खुद को बदलने की हिम्मत है
वह कभी अहम नहीं करता।
वह बरसात की खुशबू को,
सुंदरता को,अच्छी तरह से परख़ता,
पहचानता है।
क्योंकि वह बरसात को सीने से लगा लेता है
वह आस-पास के पेड-पौधों से नहीं शर्माता।
उसे पता है कि शर्म उसकी खुशियों को रोकती है
उसे यह भी पता है
कि यह काम लोगों का है उसका नहीं।
वह अपने तन को धूल बनाकर
हवा के साथ हंसता हुआ उडा देता है
वह गीता के आत्म ज्ञान को कहता नहीं, भोगता है।
वह पक्का होना नहीं चाहता
वह आदमी से प्यार तो करता है
लेकिन उसे हमेशा यही डर सताता है
कंही वह उसे पक्का न कर दे।।
...........................सूबे सिंह सुजान...........
Comment
बेहद सुन्दर रचना है, सादर
सरल सीधे शब्दों में कितनी गूढ़ बात को आपने साझा किया है ! वाह !
गाँव के कच्चे रास्तों और पगडंडियों के प्रति मन और नत हो गया. हार्दिक बधाई स्वीकारें भाईजी.
शुभेच्छाएँ
वाह वाह क्याबात है ...............सहज और सरल अभिव्यक्ति के लिए बधाई
वह गीता के आत्म ज्ञान को कहता नहीं, भोगता है।
वह पक्का होना नहीं चाहता
वह आदमी से प्यार तो करता है
लेकिन उसे हमेशा यही डर सताता है
सुजान जी बहुत सुन्दर ढंग से बुनियादी बात उकेरी है आपने। बहुत बधाई।
प्राची जी, सच कहूँ तो ......यह मेरा रास्ता है मैं आज भी इसी कच्चे रास्ते से आता जाता हूँ।।अभी कंई दिनों से बरसात चल रही थी........यह कविता बरसात में कच्चे रास्ते से जाते हुये बनी।।
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी...........जी आपका शुक्रिया..........यह हव....नहीं था गलती टंकण है...........वह लिखा था
भाव जैसे बह चले.... कच्चे रास्ते की विशिष्टता और उसके डर को आपकी अभिव्यक्ति के साथ साथ समझना अच्छा लगा... टंकण त्रुटियाँ एक दो जगह हैं, उन्हें सुधार लें.
बधाई इस रचना पर.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online