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नीरज के ८९ वें जन्म दिन पर काव्यांजलि: संजीव 'सलिल'

कालजयी गीतकार नीरज के ८९ वें जन्म दिन पर काव्यांजलि:
संजीव 'सलिल'
*
गीतों के सम्राट तुम्हारा अभिनन्दन,
रस अक्षत, लय रोली, छंदों का चन्दन...
*
नवम दशक में कर प्रवेश मन-प्राण तरुण .
जग आलोकित करता शब्दित भाव अरुण..
कथ्य कलम के भूषण, बिम्ब सखा प्यारे.
गुप्त चित्त में अलंकार अनुपम न्यारे..
चित्र गुप्त देखे लेखे रचनाओं में-
अक्षर-अक्षर में मानवता का वंदन
गीतों के सम्राट तुम्हारा अभिनन्दन,
रस अक्षत, लय रोली, छंदों का चन्दन...
*
ऊर्जस्वित रचनाएँ सुन मन मगन हुआ.
ज्यों अमराई में कूकें सुन हरा सुआ..
'सलिल'-लहरियों की कलकल ध्वनि सी वाणी.
अन्तर्निहित शारदा मैया कल्याणी..
कभी न मुरझे गीतों का मादक मधुवन.
गीतों के सम्राट तुम्हारा अभिनन्दन,
रस अक्षत, लय रोली, छंदों का चन्दन...
*
गीति-काव्य की पल-पल जय-जयकार करी.
विरह-मिलन से गीतों में गुंजार भरी..
समय शिला पर हस्ताक्षर इतिहास हुए.
छन्दहीनता मरू गीतित मधुमास हुए..
महका हिंदी जगवाणी का नन्दन वन.
गीतों के सम्राट तुम्हारा अभिनन्दन,
रस अक्षत, लय रोली, छंदों का चन्दन...
*

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Comment

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Comment by sanjiv verma 'salil' on January 9, 2013 at 5:22pm

विजय जी, पीयूष जी, अशोक जी आपका आभार शत-शत. नीरज जी के गीतों की सी.डी. मेरे देखने में नहीं आई है.

Comment by Ashok Kumar Raktale on January 8, 2013 at 7:58pm

परम आदरणीय सलिल जी सादर, आद. गोपालदास नीरज जी के जन्म दिवस पर आपकी बहुत सुन्दर प्रस्तुति हार्दिक बधाई स्वीकारें. आद. नीरज जी को जन्म दिवस कि कुछ देरी से हार्दिक बधाइयां.

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on January 8, 2013 at 8:42am

आदरणीय आचार्य जी, नीरज जी को जन्मदिवस तथा आपको इस प्रस्तुति के लिए ढेरों बधाइयां......!

Comment by vijay nikore on January 6, 2013 at 2:56pm

आदरणीय नीरज जी के जन्म-दिवस पर इस सुन्दर काव्यांजलि लिखने के लिए आपको बधाई।

नीरज जी के कितने ही गीत कानों में गूंजते रहते हैं। अभी-अभी याद आ रहा है उनका गीत ...

विरह रो रहा है, मिलन गा रहा है

किसे याद करलूँ, किसे भूल जाऊँ !

यदि आपको पता हो कि नीरज जी के गीतों का cd कहीं मिल सकता है तो कृप्या बताएं।

नीरज जी को मेरी शुभकामनाएँ और आपको इस काव्यांजलि के लिए  साधुवाद।

विजय निकोर

 

Comment by sanjiv verma 'salil' on January 6, 2013 at 2:34pm

प्राची जी, सुमन जी, लक्ष्मन जी, संदीप जी, सौरभ जी,
नीरज-निशा में रसधार में मन-प्राण पुलकित होने का सौभाग्य मुझे भी मिला है। वे अविस्मरणीय पल आज भी अधरों को वाह कहने पर विवश कर देते हैं। अपने प्रयास को सराहा, आभारी हूँ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 5, 2013 at 10:02pm

आदरणीय आचार्यजी, आपके स्वर से हम भी गोपालदास ’नीरज’ को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ कह रहे हैं.  स्वप्नजयी एवं मनोरम पंक्तियों के अद्भुत गीतकार नीरज की प्रसिद्धि पाठकों और श्रोताओं के बीच बच्चन की प्रसिद्धि के समकक्ष है.

एक पाठक और श्रोता के लिहाज से मैं उनसे अपना नाता अपनी कैशोर्यावस्था से ही जुड़ा देखता हूँ. आपकी सुन्दर रचना की छाँव में अपनी बात रखने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा हूँ.

तब मैं इण्टर का छात्र हुआ करता था. मेरे महाविद्यालय की स्थापना दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय स्तर का कवि-सम्मेलन आयोजित हुआ करता था जिसकी शान निस्संदेह नीरज ही हुआ करते थे. जबकि आयोजन में उस समय के हिन्दी-साहित्य की पद्यधारा में बहते और मंचों से संबंध रखने वाले करीब-करीब सभी कवि शिरकत किया करते थे. हम राष्ट्रीय स्तर के किसी कवि का नाम लें, वह या तो सम्मेलन में होता था, या पिछले किसी सम्मेलन में आयोजन की शोभा बढ़ा चुका होता था और अपनी निजी विवशता के कारण नहीं हुआ करता था. या बुलाया ही नहीं जाता था. लेकिन प्रति वर्ष आयोजन के वास्तविक ’हीरो’ हुआ करते थे, सबके चहेते और अपने-अपने से नीरज जी. अलस्सुबह जब सम्मेलन समाप्त होता था उस समय से ले कर आने वाले कई-कई हफ़्तो तक छात्रावासों में नीरज के अंदाज़ में उनकी पंक्तियाँ दुहराते थोक के थोक छात्र मिल जाया करते थे.

अभी दो महीना पहले प्रो. सोम ठाकुर से हुई इलाहाबाद में अपनी मुलाकात के दौरान मैंने उन सम्मेलनों की याद दिलायी तो वे भी भावुक हो गये थे. मेरे बाल आज सफ़ेदी लिये हुए हो गये हैं और दादा सोम ठाकुर घुंघराले काकुल खल्वाट में परिणत हो चुके हैं. लेकिन नीरज जो थे, वही हैं ! आज भी ! अवस्था के लिहाज से काया थोड़ी कृश अवश्य हो गयी है. लेकिन उनकी आवाज़ में गूँजती भ्रमर-गुँजार अभी तक वही है. मदभरी आँखों में चैतन्य वही है, विचारों की प्रखरता वही है.

जीयें .. वे आने वाले सौ-सौ बसंतों की रुमानियत को संतृप्त करते हुए जीयें. आमीन !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on January 5, 2013 at 4:00pm

आदरणीय संजीव सर जी सादर प्रणाम
बहुत सुन्दर काव्यांजलि गढ़ी है आपने
बहुत बहुत बधाई आपको
इस अनुपम काव्य का रसास्वादन कराने  हेतु सादर  आभार

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 5, 2013 at 3:18pm
गीतों के सम्राट नीरज जी को जयपुर में कई बार सुन  ने का सौभग्य प्राप्त हुआ है 
हिंदी जगत के वे आज चमकते सितारे है, उनकी शतायु की कामना करते हुए 
अभिनन्दन । बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्त कर आपने हमें यह सौभग्य प्रदान 
किया है, हार्दिक बधाई स्वीकारे 
Comment by SUMAN MISHRA on January 5, 2013 at 3:15pm

मेरे भी प्रिय कवी हैं नीरज जी...संजीव जी आपने उनके अनुरूप ही शधों को बड़ी ही खूबसूरती से ढाला है मेरा नमन उनके जन्मदिन पर वर्ष को लिखना नहीं चाहती क्योंकि जीवन के पायदान पर बढ़ता हुआ कदम सब इश्वर के हाथों में हैं बस अभिनन्दन और उनके अछे स्वास्थ्य की कामना,,,जिससे हमें उनके दर्शन hote रहे,,,,अभी कुछ दिन पहले सब टीवी पर आये थे ,,उन्हें देखकर बहुत खुशी हुयी...हमारा नमन और शुभकामनाएं ,,,,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 5, 2013 at 3:00pm

आदरणीय नीरज जी के ८९ जन्मदिन पर बहुत खूबसूरत काव्यांजलि अर्पित की है आदरणीय संजीव जी. 

गीतकार नीरज जी को हमारी ओर से भी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.

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