****************************************
दवा ही बन गई है मर्ज़ इलाज क्या होगा;
उसे सुकून यक़ीनन बहुत मिला होगा; (१)
मैं नूरे-चश्म था जिसका कभी वो कहता है,
नज़र भी आये अगर तो बहुत बुरा होगा; (२)
हमारे बीच मसाइल हैं कुछ अभी बाक़ी,
ठनी है जी में यही, आज फ़ैसला होगा; (३)
जहाँ ख़ुलूस दिलों में है धड़कनों की तरह,
वहीं पे मंदिरों में जल रहा दिया होगा; (४)
तेरे गुनाह की पोशीदगी है दुनिया से,
मगर ख़ुदा की निगाहों से क्या छुपा होगा; (५)
गुज़ारता मैं तेरे साथ वक़्त और मगर,
न रोक आज के वो राह ताकता होगा; (६)
नहीं रहा जो जहाने-ज़वाल में 'वाहिद',
'चलो ये ठीक हुआ' आपने कहा होगा; (७)
****************************************
बह्रे-मुज़ारे मुसम्मन मुरक्कब मक़्बूज़ मख़्बून मक़्बूज़ महज़ूफ़ो मक़्तुअ
१२१२/ ११२२/ १२१२/ २२
Comment
बहुत खूब ।
:-) आपकी बधाई सर आँखों पर गणेश जी! सादर,
//तेरे गुनाह की पोशीदगी है दुनिया से,
मगर ख़ुदा की निगाहों से क्या छुपा होगा;//
आय हाय हाय, क्या खुबसूरत शेर निकाला है भाई, दिल वाह वाह कर गया , खुदा सबसे वाकिफ है, सभी अशआर खुबसूरत बन पड़ें हैं , बधाई इस खुबसूरत ग़ज़ल पर |
मगर ख़ुदा की निगाहों से क्या छुपा होगा; bahut khoob !
तेरे गुनाह की पोशीदगी है दुनिया से,
आपको हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनायें !!
आपका आभार शिखा जी!
हमारे बीच मसाइल हैं कुछ अभी बाक़ी,
ठनी है जी में यही, आज फ़ैसला होगा; (३)
bahut khoob
आपका हार्दिक आभार नादिर साहब...!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online