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ऐ जिंदगी !

हम एहसान तुझ पर किये जाते हैं

दिल के टुकड़े होने पर भी

उसको पाकर खोने पर भी

मन ही मन रोने पर भी

दर्द जिगर में होने पर भी

ऐ जिंदगी!

हम जिए जाते हैं

हम एहसान तुझ पर किये जाते हैं

{दीप जीरवी}


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Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 25, 2010 at 9:06pm
दीप साहिब, आपकी सभी रचना एक से बढ़कर एक होती है, यह रचना भी खुबसूरत है साथ मे खुबसूरत फोटोग्राफ रचना को चार चाँद लगा रहा है |
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on October 25, 2010 at 11:27am
हम एहसान तुझ पर किये जाते हैं
दिल के टुकड़े होने पर भी
उसको पाकर खोने पर भी
हम जिए जाते हैं

बहुत ही बढ़िया रचना दीप साहब....बात सही भी है की कुछ भी हो जाये कितना भी कुछ गड़बड़ क्यों ना हो जाये हम जिए जाते हैं.....
शानदार रचना दीप साहब..ऐसेही लिखते रहें,,,

आपका
प्रीतम तिवारी
रांची

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