For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कही बम चले कही गोली ,

कही बम चले कही गोली ,
केहू खेले खून से होली ,
स्वर्ग में बाईठाल बापू देखे ,
हिंद में इ का हो रहल बा ,
अइसन सोचले ना रहनी ,
अइसन सोचले ना रहनी ,

खून देबा आजादी देहब ,
रहे नेता जी के नारा ,
भारत स्वर्ग से सुन्दर होखे ,
सपना रहे प्यारा ,
उहो स्वर्ग में इहे कहिअन,
अइसन सोचले ना रहनी ,
अइसन सोचले ना रहनी ,

खुद से बढ के देश से प्यार .
सहल लोग उ अत्याचार ,
सपना के साकार करेला ,
फंदा लागल फुल के हर ,
ओहू लोग के आत्मा ,
हो गइल बा परेसान ,
अइसन सोचले ना रहनी ,
अइसन सोचले ना रहनी ,

आज के नेता देश के बेचीं ,
पार्टी बाजी कर कर के ,
कहे रउरा लोग आजाद करवानी ,
देश के खातिर मर मर के ,
रवि अइसन दिन देखे के मिलल ,
मनवा भइल परेसान ,
अइसन सोचले ना रहनी ,
अइसन सोचले ना रहनी ,

Views: 340

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ratnesh Raman Pathak on April 29, 2010 at 6:09pm
गुरु जी आपने जो कविता यहाँ पोस्ट किया है वो .....एक कविता ही नहीं अपने देश की वर्तमान इस्थिति का एक कच्चा चिटठा है .....जिसमे आपने भ्रष्ट लोगो का चरित्र चित्रण भी बखूबी बेहद सराहनीय ढंग से प्रस्तुत करने की कोसिस की है ......और सफल भी हुए है.........धन्यवाद्
Comment by Admin on April 29, 2010 at 5:11pm
गुरु जी आज जो देश की स्थिति है और जो अपराध का बोल बाला है उसका दर्द आपके कविता मे स्पस्ट रूप से दिख रहा है , बहुत ही बढ़िया ये रचना है बहुत बहुत धन्यवाद इस पोस्ट के लिये ,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 29, 2010 at 4:22pm
bahut badhiya kavita baa guru jee...hamesha ke tarah ek aur zordaar rachna.....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
19 hours ago
Shabla Arora updated their profile
22 hours ago
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"   आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को सार्थकता प्रदान करती प्रतिक्रिया के…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, नाश सृष्टि का इस करना/ इस सृष्टि का नाश करना/...गेयता के लिए…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"  आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को प्रदत्त विषयानुरूप पाने के लिए आपका…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service