For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ विषधर! तुझमें कितना जहर है

तीखा विषैला हुआ आज नर है |
ओ विषधर! तुझमें कितना जहर है ||
 
जिसका काटा नहीं मांगे पानी,
विष थूकने में ना कोई सानी |
मत समझ दिल को अब तेरा डर है,
ओ विषधर! तुझमें कितना जहर है ||
 
द्वेष कुंडली मारे बैठा अन्दर,
बरबस बहाता रक्त का समंदर ||
डसता तू निज घर टूटने पर है,
ओ विषधर! तुझमें कितना जहर है ||
 
पदचाप जिसकी होती बिन आहट,
संग से उसके होती घबराहट ||
तेरे ऊपर पड़ जाती नजर है,
ओ विषधर! तुझमें कितना जहर है ||
 
भोगवस्तु मात्र बनी है नारी,
बदली प्रेम की परिभाषा सारी ||
अच्छा है तू सबसे बेखबर है,
ओ विषधर! तुझमें कितना जहर है ||
 

Views: 375

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 30, 2012 at 11:45am

आदरणीय रक्ताले सर, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद......

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 30, 2012 at 11:44am

आदरणीय सुरेन्द्र शुक्ल जी, आपका कहना बिलकुल सही है....आभार.........जय श्री राधे

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 26, 2012 at 8:23pm

गौरव जी

           नमस्कार, आज के मानव की हकीकत को बयान करती सुन्दर रचना. बधाई.

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 26, 2012 at 4:58pm

भोगवस्तु मात्र बनी है नारी,

बदली प्रेम की परिभाषा सारी ||
अच्छा है तू सबसे बेखबर है,
ओ विषधर! तुझमें कितना जहर है ||
अजीतेंदु जी व्यंग्य से परिपूर्ण ...जीना सिखाती रचना ...काश ये विषधर नर या नारी होश में आ जाएँ 
जय श्री राधे 
भ्रमर ५ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
19 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service