For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"स्वप्न"

सूदखोर नहीं मानते
आते हैं हाथ जोड़ के
देते हैं कर्ज
चंद दिनों के बाद
दोगुना वसूल करते हैं
सूद
ले जाते हैं लूट के सारे सुन्दर स्वप्न
छाती फुला के अकड़ के आते हैं
उनके आते ही
सारे स्वप्न फडफडाते हैं
जैसे पानी बिना मछली
लेकिन सूदखोर ले जाते हैं
हर बार की तरह स्वप्न
निकाल के दिल के गहरे सागर से
दे जाते हैं कुछ भयानक स्वप्न
जो उड़ा देते हैं नींद
सरसराहट ला देते हैं जिस्म में
दिल में उठा देते हैं तूफ़ान
बिना सुन्दर सपनों के
घोर निराशा के काले बादल
रोज छाते हैं
पर उनसे सुन्दर स्वप्न फिर नहीं बरसते
सूदखोर हँसते हैं
मुस्कुराते हैं
सदैव मछुआरों की तरह तत्पर
हाथ जोड़ के आते हैं
और अगले ही पल सारे सुन्दर स्वप्न ले जाते हैं
क्यूंकि कर्जदारों को अधिकार नहीं
सुन्दर स्वप्न को जीने का
वो ले सकते हैं केवल कर्ज
और सूद में देते हैं स्वप्न
विद्वान् कहते हैं
रोने से दर्द कम हो जाता है
कितना रो लूं
अब तो आँखों का पानी सूख गया
लेकिन वो फिर भी न माने
लाचारों की लाचारी का मजाक कौन नहीं उड़ाता
कमजोरों को कौन नहीं सताता
और कर्जदार कमजोर ही होता है
उसे शिकायत करने का नहीं केवल
सूद देने का अधिकार है
सूद अदा होता है
सुन्दर स्वप्न से
अब उसपे किसी का अधिकार नहीं
न कर्जदार का न सूदखोर का
 
संदीप पटेल "दीप"

Views: 367

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 11, 2012 at 11:02pm

वाह बहुत सुन्दर संदीप जी बहुत ही उम्दा है

लाचारों की लाचारी का मजाक कौन नहीं उड़ाता
कमजोरों को कौन नहीं सताता
और कर्जदार कमजोर ही होता है
उसे शिकायत करने का नहीं केवल
सूद देने का अधिकार है.......एकदम सत्य

संदीप जी हार्दिक बधाई

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 11, 2012 at 10:05pm

क्यूंकि कर्जदारों को अधिकार नहीं 
सुन्दर स्वप्न को जीने का 
वो ले सकते हैं केवल कर्ज
और सूद में देते हैं स्वप्न 
विद्वान् कहते हैं
रोने से दर्द कम हो जाता है 
कितना रो लूं
अब तो आँखों का पानी सूख गया

प्रिय संदीप जी सच में बहुत ही दयनीय स्थिति हो जाती है कभी कभी ...जान लेवा ..उन का क्या जो की खून भी निकल ले जाते हैं.. सुन्दर 
भ्रमर ५ 

 

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 7:19pm

वाह बहुत खुबसूरत रचना

बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 10, 2012 at 8:19pm

बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति और सार्थक भी 

Comment by Rekha Joshi on July 10, 2012 at 8:02pm

संदीप जी ,

कमजोरों को कौन नहीं सताता
और कर्जदार कमजोर ही होता है 
उसे शिकायत करने का नहीं केवल
सूद देने का अधिकार है ,सत्य है ,कमजोरों को शिकायत करे का कोई हक नही ,सुंदर प्रस्तुती ,बधाई 
Comment by Albela Khatri on July 10, 2012 at 7:56pm

बधाई हो संदीप पटेल जी.........
बहुत उम्दा कविता.....

कमजोरों को कौन नहीं सताता
और कर्जदार कमजोर ही होता है
उसे शिकायत करने का नहीं केवल
सूद देने का अधिकार है
सूद अदा होता है
सुन्दर स्वप्न से

__वाह वाह !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
12 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service