जंग से जमीन में
घाव बहुत होते हैं
जख्म गर भरे भी तो
रोम-रोम रोते हैं !
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इन्सां ने इन्सां को
इन्सां सा प्यार दिया
स्वर्ग धरा लाये आज
जिन्दगी संवार लिया
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बेटियों ने बेटों को
जी भर के प्यार दिया
बेटों ने बदले में
कोख में ही मार दिया ?
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गीली सी मिटटी है
प्यारा कुम्हार
पीट पीट ढाल रहा
सांचे में खांचे में
देता आकार !
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Comment
bahut sundar bhaav rachna ke betiyon se hi sansaar chalta hai fir bhi unko hi kyun maar rahe hain?
बेटियों ने बेटों को
जी भर के प्यार दिया
बेटों ने बदले में
कोख में ही मार दिया ?
मर्म को छूती हुई अभिव्यक्ति ............. बहुत खूब भ्रमर जी ..... बधाई
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