For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जय...जय...जय...ओ बी ओ l

यहाँ शरण में जो भी आया
ओ बी ओ ने गले लगाया l

इस मंदिर में जो भी आवे
रचना नई-नई लिखि लावे l

जो भी इसकी स्तुति गावे
नई विधा सीखन को पावे l

संपादक जी यहाँ पुजारी
उनकी महिमा भी है न्यारी l

जिसकी रचना प्यारी लागे
पुरूस्कार में वह हो आगे l

प्रबंधकों की अनुपम माया
भार प्रबंधन खूब उठाया l

जय...जय...जय..ओ बी ओ l

-शन्नो अग्रवाल 

Views: 572

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 5, 2012 at 10:54am

ADARNIYA AGARVAL MAHODAYA JI, 

BAHUT SUNDAR BAHV. JAI HO.

Comment by आशीष यादव on April 5, 2012 at 9:53am

jay ho.

bahut khub likha hai aapne.

OBO ki mahima ka sundar bakhan.

aadarniy shri  Ambarish Srivastava ji ki baato ka dhyan dijiyega.

badhai swikaar kare.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on April 5, 2012 at 9:44am

आदरणीया शन्नो जी कृपया ध्यान दें ! चौपाई में वांछित गेयता के साथ-साथ प्रत्येक चरण में १६ -१६ मात्रा व अंत में गुरु अनिवार्य है ! 

//इसकी टीम ने गले लगाया l// में 'ने' को गिरा का पढ़ना पड़ रहा है

इसके स्थान पर "ओ बी ओ  ने गले लगाया" कैसा रहेगा?

//इस मंदिर में जो कोई आवे // 'कोई' में मात्र गिरा कर पढ़ना पड़ रहा है इसके स्थान 'भी' अधिक उपयुक्त लग रहा है

इस मंदिर में जो भी आवे

//हो नाम पुरूस्कार में आगे// में गेयता प्रभावित होने के साथ साथ एक मात्रा भी बढ़ रही है !

इसके स्थान पर "पुरूस्कार में वह हो आगे"कैसा रहेगा ?

//संपादक जी हैं यहाँ पुजारी // १८ मात्रा

इस के स्थान पर " संपादक जी यहाँ पुजारी" कैसा रहेगा ?

//है प्रबंधकों की अनुपम माया // १८ मात्रा

इस के स्थान पर " प्रबंधकों की अनुपम माया" कैसा रहेगा ?

//भार प्रबंधन का खूब उठाया l// १८ मात्रा

के स्थान पर भार प्रबंधन खूब उठाया l  (१६ मात्रा) उचित लगता है

Comment by Er. Ambarish Srivastava on April 5, 2012 at 9:23am

//यहाँ शरण में जो भी आया
ओ बी ओ  ने गले लगाया |//

अपनेपन से जो भी आया|

उसको हमने गले लगाया||

//इस मंदिर में जो भी आवे
रचना नई-नई लिखि लावे |//

नया सृजन उद्देश्य हमारा|

ओबीओ है हमको प्यारा||

//जो भी इसकी स्तुति गावे
नई विधा सीखन को पावे |//

स्तुति परमेश्वर की गायें|

मिलकर सीखें और सिखायें||

//संपादक जी यहाँ पुजारी
उनकी महिमा भी है न्यारी |//

कार्यभार हैं इनपर भारी|

मंदिर के यह बड़े पुजारी||  

//जिसकी रचना प्यारी लागे
पुरूस्कार में वह हो आगे |//

भाव शिल्प में जो भी आगे|

उसकी रचना प्यारी लागे ||  

//प्रबंधकों की अनुपम माया
भार प्रबंधन खूब उठाया |//

चौपाई हैं सुन्दर सारी |

शन्नो जी हम हैं आभारी ||

 

ज्ञान बढ़ाये ओबीओ, वंदन कर लें नित्य.

छंदों से जब आरती, मुखरित हो साहित्य..

रच डाली चौपाइयां, सुन्दर रचना कर्म.

शन्नो जी जय आपकी, सृजन हमारा धर्म..  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service