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मैं अपनों से उम्मीद ही कम रखती हूँ

मैं हिफाज़त से तेरा दर्दो अलम रखती हूँ
और खुशी मान के दिल में  तेरा ग़म रखती हूँ।

मुस्कुरा देती हूँ जब सामने आता है कोई
इस तरह तेरी जफ़ाओं का भरम रखती हूँ।

हारना मैं ने नहीं सीखा कभी मुश्किल से
मुश्किलों आओ दिखादूं मैं जो दम रखती हूँ। 

मुस्कुराते हुए जाती हूँ हर इक  महफ़िल में
आँख को सिर्फ़ मैं तन्हाई में नम रखती हूँ 

है तेरा प्यार इबादत मेरी  पूजा मेरी 
नाम ले केर तेरा मंदिर में क़दम रखती हूँ। 

दोस्तों से न गिला है न शिकायत है "सिया"
क्यों के मैं अपनों से उम्मीद ही कम रखती हूँ!

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Comment by Shashi Mehra on September 15, 2011 at 10:03am

हारना मैं ने नहीं सीखा कभी मुश्किल से
मुश्किलों आओ दिखादूं मैं जो दम रखती हूँ। 

मुस्कुराते हुए जाती हूँ हर इक  महफ़िल में
आँख को सिर्फ़ मैं तन्हाई में नम रखती हूँ 

है तेरा प्यार इबादत मेरी  पूजा मेरी 
नाम ले केर तेरा मंदिर में क़दम रखती हूँ। 

दोस्तों से न गिला है न शिकायत है "सिया"
क्यों के मैं अपनों से उम्मीद ही कम रखती हूँ! bahut hi uttam

 

Comment by Kailash C Sharma on September 14, 2011 at 6:23pm

मुस्कुरा देती हूँ जब सामने आता है कोई
इस तरह तेरी जफ़ाओं का भरम रखती हूँ।

.....बहुत लाज़वाब गज़ल..हरेक शेर दिल को छू जाता है.

Comment by siyasachdev on September 14, 2011 at 6:05pm

janab Dushyant Sewak  ji .zarraanawaazi aur hauslaa afzaai ka bahut bahut shukriya...salamt rahe

Comment by siyasachdev on September 14, 2011 at 6:04pm

mohinichordia sahiba...aapne pasand farmaya uske  liye teh-e-dil se shukriya ada karti hoon.salamati ho

Comment by siyasachdev on September 14, 2011 at 6:02pm

Brij bhushan choubey ji..tahe dil se shukriyaa adaa kiyaa.aapko aap ,isse aap qubool farmaaen.shukriyaa...salamati ho


 

Comment by siyasachdev on September 14, 2011 at 6:00pm

Anwesha Anjushree ji....bahut shukraguzaar hun main aapke iss pyaare se comment ke liye..rab raaka

 

Comment by siyasachdev on September 14, 2011 at 5:59pm

shanno agarwal sahiba..aapne pasand farmaya meri kahi ghazal ko uske liyeteh-e-dil se shukriya ada karti hoon.

rab raakha

Comment by siyasachdev on September 14, 2011 at 5:57pm

dr shri krishan narang saheb .zarraanawaazi aur hauslaa afzaai ka bahut bahut shukriya...salamt rahe

Comment by DR SHRI KRISHAN NARANG on September 14, 2011 at 5:10pm

Muskrate hue jaati hun... bahut hi umda  aur saade alfaaz main bahut sunder gazal bani hai, Siyaji. Bahut bahut badhai. Aasha hai aage bhi aap ki kalm aise hi chalti rahegi.  Wah! Wah!

Dr. Shri Krishan Narang

Jamshedpur

Comment by Shanno Aggarwal on September 14, 2011 at 3:52am

बहुत खूबसूरत गजल लिखी है आपने सिया. बधाई. 

कृपया ध्यान दे...

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