For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मातृ दिवस के दोहे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"


माँ का आँचल बाल को, सदा सुरक्षा ढाल
टलता जिसकी छाँव में, आया संकटकाल।१।
*
हीरे, मोती, स्वर्ण का, रख कितना भी तोल
माँ की ममता का नहीं, पास किसी के मोल।२।
*
माँ के आँचल के तले, मिलती ऐसी छाँव
हर्षित होकर नाचता, हर दुखियारा गाँव।३।
*
चाहे मन  से हो  स्वयं, माँ  यूँ बहुत उदास
बच्चों को देती मगर, सदा खुशी की आस।४।
*
अपने सब दुख भूलकर, देती सबको हर्ष
माता  जीवन  नींव  है, माता  ही  उत्कर्ष।५।
*
रग-रग में माँ के भरे, ममता, करुणा, त्याग
नीदों  को  सन्तान  की, लोरी  गाती  जाग।६।
*
माँ से  घर  मंदिर  बने, पाकर  हर  सँस्कार
हर पल हर क्षण कीजिए, यूँ माँ का आभार।७।
*
मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

Views: 89

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 29, 2023 at 5:39am

आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 28, 2023 at 8:58pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, बहुत बढ़िया दोहे लिखे हैं आपने. हार्दिक बधाई.

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"सुप्रभात सर्।"
1 minute ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"अपनी ही रौशनी में वो नहला गई मुझे  इक चाँदनी थी चाँद-सा चमका गई मुझे  काँधे पे मेरे…"
27 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।  इतनी सी बात थी कि…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"उस्ताद-ए-मुहतरम आदरणीय समर कबीर साहिब को मेरा सादर चरणस्पर्श "
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"221 2121 1221 212 फिर से गुनाहगार वो ठहरा गई मुझे क्या जाने किस की आह थी जो खा गई मुझे /1 इतनी सी…"
8 hours ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"स्वागत है"
8 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"स्वागतम"
8 hours ago
Euphonic Amit commented on Balram Dhakar's blog post ग़ज़ल: अगर कोशिश करेंगे आबोदाना मिल ही जाएगा।
"आदरणीय बलराम धाकड़ जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है।  कुछ बिंदुओं से अवगत करवाना…"
8 hours ago
Dr. Vijai Shanker commented on Sushil Sarna's blog post बेटी दिवस पर दोहा ग़ज़ल. . . .
"धरती अरु आकाश पर , लिख दी अपनी जीत,बेटी ने अब छू लिया , धरा से आसमान ।। आदरणीय सुशील सरना जी,…"
11 hours ago
Dr. Vijai Shanker commented on Dr. Vijai Shanker's blog post क्षणिकायें 01/23 - डॉ० विजय शंकर
"आदरणीय कल्पना भट्ट जी, क्षणिकाओं को स्वीकृति प्रदान करने के लिए आभार , बधाई के लिए धन्यवाद , सादर ."
12 hours ago
Dr. Vijai Shanker commented on Dr. Vijai Shanker's blog post क्षणिकायें 01/23 - डॉ० विजय शंकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी , रचना को पसंद करने के लिए आभार एवं आपको शुभकामनाएँ,सादर."
12 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') commented on Dr. Vijai Shanker's blog post क्षणिकायें 01/23 - डॉ० विजय शंकर
"सुंदर अभिव्यक्ति हुई है डॉ विजय शंकर जी। बधाई स्वीकारें"
15 hours ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service