For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत- मैं पुरुष हूँ! मात्र इस हित, मत करो अपमान मेरा

भूल कर सब प्रेम करुणा त्याग तप बलिदान मेरा
मैं पुरुष हूँ! मात्र इस हित, मत करो अपमान मेरा

राम सा आदर्श मानव औ' भरत सा भ्रात मैं हूँ
दुश्मनों के वक्ष पर करता रहा आघात मैं हूँ
मैं प्रतिज्ञा भीष्म की हूँ, मैं युधिष्ठिर धर्मकारी
पार्थ का गांडीव मैं हूँ, मैं सुदर्शन चक्र-धारी
शौर्य है श्रृंगार मेरा, रण-विजय ही गान मेरा
मैं पुरुष हूँ! मात्र इस हित, मत करो अपमान मेरा।।

भूमिका मेरी यहाँ बेटा, पिता, पति, भ्रात की है
माप रखता जो हमेशा अनकही हर बात की है
दीप हूँ मां-बाप का मैं, गर्व का आधार भी हूँ
आँधियों को रोकने वाली अटल दीवार भी हूँ।
बीच झंझावात के जीवन नहीं आसान मेरा
मैं पुरुष हूँ! मात्र इस हित, मत करो अपमान मेरा।।

बेटियों की डोलियों का भार भी मैं ही उठाता
मुश्किलों केे बाद भी उनकी खुशी मैं ढूँढ़ लाता
हाथ कंगन पाँव बिछिया नाक नथिया से सजा कर
मैं विदा करता सुता को अश्रुधारा में छिपाकर
उस विदाई के समय पर दर्द ही अनुदान मेरा
मैं पुरुष हूँ! मात्र इस हित, मत करो अपमान मेरा।।

प्रेम में विश्वास ख़ातिर चाँद तारे तोड़ लाऊँ
छंद कविता अरु ग़ज़ल की धार सारी मोड़ लाऊँ
रंग हूँ सिंदूर का मैं, गर्व हूँ अर्धांगिनी का
साज के स्वर का मैं गुंजन, राग हूँ मैं रागिनी का
सात वचनों की शपथ का हर वचन है प्रान मेरा
मैं पुरुष हूँ! मात्र इस हित, मत करो अपमान मेरा।।

मैं पिता के रूप में हूँ, मैं सखा के रूप में भी
बाल बच्चों के लिए तपता हूँ भीषण धूप में भी
मूल्य हूँ श्रृंगार हूँ प्यारी बहन की राखियों का
मैं सहारा हूँ बुढ़ापे की कई बैसाखियों का
स्वप्न पूरे पुत्र के हों ये हि गंगा स्नान मेरा
मैं पुरुष हूँ! मात्र इस हित, मत करो अपमान मेरा।।

वासना का वास जिसमें वो अधम इंसान कैसा
नीचता जिसमें भरी हो उस मनुज का मान कैसा
इसलिए ऐसे अधम का पाप अपने नाम क्यों लूँ
बिन मिटाए राक्षसों को मैं भला आराम क्यों लूँ
मैं सुयश पथ पर चलूँ जग हित रहे हर ज्ञान मेरा
मैं पुरुष हूँ! मात्र इस हित, मत करो अपमान मेरा।।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 857

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 15, 2020 at 7:46pm

वाह बड़ा ही स्फूर्ति भरा गीत  i सुरेन्द्र जी आपको बधाई I 

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on June 15, 2020 at 2:40pm

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी, आदाब।

लाजवाब गीत के लिए बहुत बहुत धन्यावाद और बधाईयाँ स्वीकार करें ।

Comment by Ravi Shukla on June 15, 2020 at 1:32pm

आदरणीय सुरेन्‍द्र नाथ जी बहुत अच्‍छा गीत लिखा आपने पुरुुुुष को एक अलग तरीके से व्‍याख्‍या करते हुए आपने उसे शब्‍द दिये है बहुत बहुत बधाई स्‍वीकार करेें ।    

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
7 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service