For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षणिकाएँ -1--डा० विजय शंकर

क्षणिकाएँ
आकर्षित करती हैं , लुभाती हैं ,
क्षण भर को चौंका भी देतीं हैं ,
स्तब्ध भी कर देती हैं , बस .
फिर हम अपने - अपने
महाकाव्य में लौट आते हैं||

* * * * * * * * * * * * * * * * * *
हर व्यथा को हर कथा को
हर छोटी बड़ी बात को
साहित्य में छाप देने भर से
समस्याओं का अंत नहीं होता ,
समस्याओं से जूझना पड़ता है
उनकें हल यूँ नहीं मिलते
उन्हें ढूंढना पड़ता है ||

* * * * * * * * * * * * * * * * * *
सोहबत का असर होता है ,
कहाँ होता है .
जब से गुलाब है ,
काँटों का साथ है ,
न गुलाब की कीमत घटी ,
न काँटों की कीमत बढ़ी ॥

मौलिक एवं अप्रकाशित.

Views: 602

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 2, 2014 at 9:52pm
आदरणीय डॉo आशुतोष मिश्रा जी , क्षणिकाएँ पसंद आईं , बहुत बहुत धन्यवाद .
सादर .
Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 2, 2014 at 9:27am

समस्याओं से जूझना पड़ता है
उनकें हल यूँ नहीं मिलते.......पूरी तरह सहमत ...बहुत ही उम्दा बात है 

उन्हें ढूंढना पड़ता है ||

गुलाब और कांटो का सन्दर्भ भी बेहद पसंद आया  इस शानदार रचना के लिए हार्दिक बधाई के साथ 

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 1, 2014 at 2:47pm
आदरणीय सौरभ पांडे जी, बधाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद .
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 1, 2014 at 2:45pm
आदरणीय सविता मिश्रा जी, रचना स्वीकार करने के लिए धन्यवाद .

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 1, 2014 at 2:18pm

तीनों क्षणिकाओं के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय

Comment by savitamishra on September 1, 2014 at 12:38pm

न गुलाब की कीमत घटी ,
न काँटों की कीमत बढ़ी ॥.....सही बात दोनों ही अपने अपने महत्वा को बनाये हुए है .....सादर नमस्ते भैया

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 31, 2014 at 11:27am
आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी , बधाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद .
Comment by ram shiromani pathak on August 30, 2014 at 8:36pm
anupam prastuti adarneey hardik badhai apko
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 30, 2014 at 8:32pm
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय डॉo गोपाल नारायण जी
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 30, 2014 at 6:47pm
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय नरेंद्र सिंह चौहान जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service