आँखों से अश्कों को सूखने ना दीजिएगा इसे और गिरने दो
इस दर्द को और न रोको इसे और होने दो !
आखिरी मोड़ मेरे इंतज़ार में बाहें फैलाये है
उस सुकून भरी काली रात को अब आने भी दो !!
याद कभी मरेगी नहीं भले हो जाओ कितना भी दूर
ढूंढने दो जरा पता उनका थक के जब ना हो जाऊं चूर
है तुमसे बस इतनी ही दुवा करना मेरे लिए
की अपनी याद़ों को मेरे दिल से कभी जाने ना दो !!
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on August 11, 2012 at 4:39pm — 8 Comments
हे अभी.
आपकी बहुत याद आ रही है दिल बार-बार सोच रहा है क्या करूँ .आपके बारे में तरह -तरह के ख्याल दिल में आ रहे है ! सोचता हूँ की येसा कैसे हो सकता है की जो इंसान एक दुसरे के देखे बगैर उसे कभी चैन नहीं पड़ता था,बगैर बाते किये खाने का एक निवाला नहीं लेता था आज ओ इस तरह भूला कैसे दिया ,आखिर उसका दिल भी तो भगवान् ने ही बनाया होगा !
हे अभी.
जो बीत गया ओ कल और जो आज चल रहा है ऐ तो आप अपनी ख़ुशी के खातिर अपनी सुख सुबिधाओ के लिए आप जी रहे हो ! आप ने अपने प्यार और वफा को तो आप अपने पैरो…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on June 4, 2012 at 10:25am — 1 Comment
कभी तो मेरा प्यार तुम्हे याद आयेगा ,
कभी तो तुम्हारा दिल मेरे लिए तड़पेगा ,
जैसे की आज मै तड़पता हूँ, ,
सुबह को न सही, दोपहर को न सही ,
शाम को न सही ,रात को न सही ,
अपने मिलन की कोइ घडी तो याद आएगी ?
जब कोइ तुम्हारा दिल दुखायेगा ,
तब मेरा प्यार याद आयेगा ,
कभी तो तुम्हारा दिल तड़पेगा ?
जैसे आज मै तड़पता हूँ, ,
तुम मेरे बेगैर एक पल भी नहीं रह पाते थे ,
मुझे न देखने पर बेचैन हो जाते थे ,
अब ओ प्यार कहाँ गया…
ContinueAdded by Sanjay Rajendraprasad Yadav on June 18, 2011 at 4:00pm — 4 Comments
तुमने चाहा मेरा वजूद ही मर जाए
किन्तु तुम्हारे प्यार में मै बुत था,
मेरे प्रेम तप से अनजान बने क्यूँ.
क्या तुम्हें मेरा विश्वास कम था...........,
तुम शौके बहार बन आए जीवन में
मैंने भी सब कुछ नाम किया तुम्हारे
प्रीत प्याले को हाथ में देकर
तुम अमृत की जगह विष दे डाले.......
तुम एक प्रेयसी बन के आए थे
तुम्हारी खुशबू से महक उठा मै
नए जोश उमंग से घड़ियाँ प्रेम की बीतीं.
ऐसा जख्म दिया साथी, ये जिंदगी है मुझसे रूठी........
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on April 20, 2011 at 8:00pm — 6 Comments
प्रिय ,अभी
वक्त कैसे बीत रहा हैं अब आप को क्या बताऊँ हर तरफ तुम्हारी ही यादें है .हर तरफ हर जगह तुम्ही दिख रहे हो .. तुम्हारी ओ मुस्कुराहट.. तुम्हारी आहट बन कर सताती है.......तुम्हें देखने की जो ललक तब थी.. ओ…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on April 10, 2011 at 2:30pm — No Comments
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on April 7, 2011 at 2:00pm — 4 Comments
" जब बात चुक जाए और वक्त रेत की तरह हांथो से फिसल जाए , तो दिल से शिर्फ़ हाय ही निकलती है ! और पश्च्याताप के शिवा कुछ भी हाँथ नहीं लगता, फिर जिंदगी उस पश्च्याताप की आग में जलने लगती है , आप जब मेरे जीवन में आये तो यह येसी भावना से आये तो टूटी-फूटी झोपड़ी में.रुखा-सुखा खा के जीवन ब्यतीत करने के इरादे से आये थे ! लेकिन जहां मेरी जगह होनी चाहिए थी वहां आप ऊँचे-ऊँचे महलों के ख्वाब पाले थे.यह समझने में मुझे बहुत वक्त लग गया,जब बात हमें समझ में आती तब-तक बहुत देर हो चुकी थी,और आप अपने लिए…
ContinueAdded by Sanjay Rajendraprasad Yadav on April 6, 2011 at 4:24pm — No Comments
मेरी जिन्दगी का मतलब काश की समझे होते,
होते न आज इतने दूर तो बात कुछ और होती.
है किस्मत कितनी बुरी बोलती है ऐ मेरे हाँथ की लकीरे,
तुम पास होते तो बात कुछ और होती.
मै अब मेरी जिंदगी से करू क्या शिकवा गम नहीं मरने का,
तुम साथ होते तो बात कुछ और होती.
एक लम्बी प्रेम पारी हम साथ…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 27, 2011 at 11:30am — 3 Comments
प्रिय अभी
मै न चाहते हुए भी आज उन स्थानों पर कभी-कभी पहुँच जाता हूँ,जहां कभी अपने प्रेम के बहारो के फूल खिले थे , ना जाने कितने आरजुओ ने जन्म लिए थे जब कभी मै उन जगहों पर जाता हूँ तो हमेशा मेरी नज़र उन जगहों को देखती है जहां हम साथ चले थे , मेरे होठो पर तुम्हारा नाम बरबस ही आ जता है,मेरी नज़रे शायद तुम्हारे पद चिन्हों को ठुंठती है ! पर उसे असफलता ही हाँथ…
ContinueAdded by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 14, 2011 at 8:05pm — 3 Comments
मै खुद की बेबसी से मजबूर हैरान हूँ
खबर क्या तुम्हें कैसे चल रही है जिंदगी
हर सुबह हर शाम अधूरी एक आश में,
दिल के विरह की आग में जल रही है जिंदगी
किससे करे शिकवा,और क्युओं करूँ
अटूट प्रेम में छली गयी मेरी जिंदगी
क्या खबर कब थमेगा जिंदगी का कारवाँ
बेमतलब की ईन राहो पर खल रही है जिंदगी
तेरी दगाबाजी से दिल यूँ चूर-चूर हो गया क्यूँ ये
बेवफा तेरे दर्द का सितम सह रही है जिंदगी तू
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 11, 2011 at 10:08pm — 3 Comments
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 9, 2011 at 6:43pm — 2 Comments
तुमसे कितना प्यार किया ऐ कभी समझा नहीं
तुम्हारे न आने पर हम कितने उदास होते थे
तुम्हें हम कितना याद करते थे,
आपने ओ कभी महसूस नहीं किया
आप पे हमने कितना…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 8:00pm — No Comments
कहावत है की प्यार जहाँ, दर्द, वहाँ , आखिर ऐसा क्यूँ ?
प्यार, दर्द, एहसास, सच और झूठ सब मिलकर ' छुपा -छुपी ' का खेल खेलने का फैसला किया ! और जैसे ही दर्द ने छुपाने को कहा सब अपने-अपने जगह छुप गए, फिर दर्द ने गिनती सुरु की और सब पकडे भी गए, पर प्यार पकड़ा नहीं गया, क्यूंकि प्यार गुलाब की झाड़ियों में जा छुपा था, सब ने मिलकर प्यार को खोज निकाला, फिर दर्द ने प्यार को खीचा, गुलाब की झाड़ियों में छुपे होने से दर्द को जोर लगाकर खीचने से गुलाब के कांटे प्यार की…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 7:30pm — No Comments
अभिराजभी..................................
तुम्हारा चेहरा जब आँखों के सामने होता है
जो कभी मेरे इस ह्रदय के राजदार थे
आज तेरे वियोग में ह्रदय मेर तड़पता है
तेरे ओ वादे इरादे तेरी ओ कसमे
आज मेरे ह्रदय के यादगार है,
गलत मै हूँ जो तुम्हें भुला न सका
तुम तो किये लाख बहाने
दिल लगाने से पहले तैयार थी
तुम्हारी…
ContinueAdded by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 12:53pm — No Comments
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 12:00pm — No Comments
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 5, 2011 at 5:00pm — No Comments
यादें.................
मन की उदासी को ह्रदय में,
बसा के रख लिया ,
आप की बेवफाई को,
जीवन अंग समझ लिया !
मैंने की बेहद मुहब्बत मगर,
आपको क्या फर्क पडा,
तुमने लिए जो फैसले प्यार में,
उस दर्द से दिल मेरा रो पडा !
मिलेंगे तुम्हें हज़ारो दौलतमंद पर,
प्रीत की होगी वहां न भनक,
राह भूल मेरे अनमोल प्रेम को,
तोड़ देगी पैसे की खनक !
अपने सारे गमो को मै छुपा लूंगा,
एक तुम्हारी ख़ुशी के लिए
अब ना आयेंगे…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 3, 2011 at 7:30pm — 2 Comments
आप खुश रहना................
है दिए जो जख्म आपने दिल को,
भर दे उसे कोई किसी में है ओ प्रीत कहाँ,
बहते मेरे लावारिस अश्को को कोई थामले,
है एक तेरे सिवा दूसरा मन्मित कहाँ,
है किये जो घोर अँधेरा मेरे जीवन में,
आक़े करे कोई रोशन है यैसी तक़दीर कहाँ,
जब ह्रदय की आशाएं बंद हो चली हो,
फिर इस बेचैन दिल को मिलता है करार कहाँ,
जब तुम कर चले बेदरंग इस जीवन को,
फिर इस जीवन में किसी और प्रीत रंग की है आश…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 3, 2011 at 12:00pm — 2 Comments
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 2, 2011 at 5:37pm — 1 Comment
है दिए जो जख्म आपने दिल को,
भर दे उसे कोई किसी में है ओ प्रीत कहाँ,
बहते मेरे लावारिस अश्को को कोई थामले,
एक तेरे सिवा दूसरा ओ मन्मित कहाँ,
आप ने किये जो घोर अँधेरा मेरे जीवन में,
आक़े अब कोई रोशन करे है यैसी तक़दीर कहाँ,
जब ह्रदय की आशाएं बंद हो चली…
ContinueAdded by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 26, 2011 at 7:00pm — 2 Comments
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