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Dr Dilip Mittal's Blog (13)

क्षणिकाएँ

खुदा के घर से किसी के दिल पर ,
ना हिन्दू ना मुसलमान की छाप लगकर आयी है ,
फिर क्यूँ तुमने हमपर जाती की तोहमत लगाई है ,
खुदा का वास्ता -
अब, ना हिन्दू ना मुसमान ना ईसाई बना हमको ,
इंसानियत हमारी ज़ात हैं ,कुछ और ना बना हमको

दिल जिगर गुर्दे ,तुम भी रखते हो ,हम भी रखते हैं ,
चाहो तो जंग के मैदान में आजमा सकते हो ,
और अगर चाहो तो -
ज़रूरतमंद को दान कर इंसान और इंसानियत ,
दोनों को बचा सकते हो


अप्रकाशित मौलिक

Added by Dr Dilip Mittal on April 21, 2014 at 4:33pm — 6 Comments

क्षणिकाएँ

शौख से आशियाँ उजाड़ ,ये इख्तियार है तुझे ,

खानाबदोश हूँ ,ठहरना मेरी फितरत भी नहीं है

 

मेरे जख्मों पर नमक छिड़क गया ,वो आज ,

उसके ही दिए तोहफों कि याद दिला गया वो आज

उसकी नफरतों के जाम को भी

शांती कि कीमत समझ पिया…

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Added by Dr Dilip Mittal on March 21, 2014 at 7:22pm — 6 Comments

क्षणिका

कुछ तो मजबूरी की हद रही होगी ,

या निर्लज्जता की इंतेहा रही होगी ,

वो सम्भावित प्रधान मंत्री के पिता थे,

उनकी पत्नी ने प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति

बनाये और अपनी उंगलियों पर नचाये होंगे ,  

कुछ तो हुआ  होगा की 11 साल तक

कई असहाय राष्ट्रपतियों के ज़मीर को…

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Added by Dr Dilip Mittal on February 21, 2014 at 8:17am — 4 Comments

क्षणिकाएँ

करवट  बदल रहा है कोई

-----------------------------------

शर्मसार नहीं हैं हम, हार कर भी ,

हाँ ,सदमे में जरूर  हैं , कि-

नींद में करवट, बदल रहा है कोई

 

जातिवाद का ज़हर

-----------------------

तुम नीलकंठ कहलाते हो ,

ज़हर कोई, कभी पिया…

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Added by Dr Dilip Mittal on December 11, 2013 at 2:30pm — 8 Comments

क्षणिकाएँ

क्षणिकाएँ

आज़ादी का जश्न मना लेने भर से,

देश भक्तों की पहचान नही होती है ,

सिर उठाने की अगर कोशिश भी करे कोई तो ,

रूह कांप जाये ,ये वीर सपूतों की शान होती है.

उपजाऊ भूमी भी बंजर बन जाती है

बुद्दी जब…

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Added by Dr Dilip Mittal on November 28, 2013 at 9:30pm — 6 Comments

तुम आज़ाद हो

तुम पिंजरे में बंद मुर्दा ज़िन्दगी के सिवा कुछ भी तो नहीं ,

अपने आप को ,आज़ाद पंछी मान बैठे हो ,

तुम्हारी तनी  हुई मुट्ठियाँ ,बढ़ते कदम ,

बीवी बच्चों को देख, अपाहिज हो जाते हैं ,

तुम्हारे मस्तक की मांसपेशियां ,

पेट की तरफ देख ,अनाथ हो जाती है ,

तुम्हारी जुबान ,साहब को देख ,…

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Added by Dr Dilip Mittal on August 4, 2013 at 6:00pm — 4 Comments

मक्का से राम और काशी से अल्लाह की भी अलख जगानी है

मंदिर से घंटी ,मस्जिद से अजान की आवाज पूरी दुनिया को सुनाई है ,

धर्म बांटने की हमने कसम उठाई है .



मदिर से हिन्दू ,मस्जिद से मुसलमान बनाने की फैक्ट्री बनाई है ,

धर्म प्रचारक हैं हमने  गजब जिम्मेदारी निभाई है



मंदिर नापाक कर  मुसलमान  ने ,मस्जिद तोड़  हिन्दू ने खुशियाँ  मनाई…

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Added by Dr Dilip Mittal on June 10, 2013 at 10:42am — 4 Comments

क्या करें ,सरकार की मजबूरी है

कालाबाजारी ,भ्रष्टाचार , दरिंदगी ,व्यभिचार ,

बेशर्मी ,बेहूदगी ,बेचारगी ,बेरहमी ,बेहयाई ,

आतंकवाद ,जातिवाद ,भाई-भतीजावाद ,परिवारवाद ,

सब राजनीति में रास्ते हैं ,

पर क्या करें ,सरकार की मजबूरी है ,इन रास्तों से गुजरना पड़ता है .



हमें पता है पडौसी ,निर्दोष जनता में आतंक फैला रहा है ,…

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Added by Dr Dilip Mittal on May 7, 2013 at 6:39pm — 5 Comments

आपको धोखा हुआ होगा

महंगाई ने  कमर तोड़ दी, बेरोजगारी ज़िन्दगी लील गयी होगी

जनता के सेवक हो ,पर मदद की उम्मीद, आपसे करेंगे,आपको धोखा हुआ होगा



चारा खा गया, कोयले खिला रहा होगा, खेल खेल में खेल कर गया होगा

वो वफादार  देश के लिए मर मिटेगा ,आपको धोखा हुआ होगा



जनता का सेवक हूँ जी जान लगा दूंगा , गिडगिडा  रहा होगा…

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Added by Dr Dilip Mittal on April 15, 2013 at 6:33pm — 7 Comments

पाधारो म्हारा देश

पाधारो म्हारा देश, पलक पावणा  बिछा देंगे

तुम जवानों के सिर काट लो, हम चुप नहीं बैठेंगे,कहकर सो जायेंगे



आतंक का नंगा नाच दिखाओ ,भेदिये  जुटा  देंगे  

कोई हमारे सब्र कि परीक्षा ना ले, और हम एक बार फिर फेल हो जायेंगे



खूब रेल जलाओ ,अपहरण करो ,आतंकी रिहा करा देंगे

शोर शराबा किया तो, सम्प्रदाइकता का  आरोप लगा ,ध्यान बटा देंगे…

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Added by Dr Dilip Mittal on March 13, 2013 at 6:30pm — 9 Comments

तिरंगे हम तेरे सामने सिर झुकाते हैं,



तिरंगे हम तेरे सामने सिर झुकाते हैं,
लेकिन , आज हमारा सिर ,शर्म से झुक रहा है,

हमें धिक्कार है,

पिछले पांच वर्ष महिला राष्ट्रपति रही 

कई प्रदेशों की मुख्यमंत्री महिला रही और हैं,

हमारी सरकार कि नीतियों  पर

प्रत्यक्ष ,अप्रत्यक्ष एक महिला का ही राज…
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Added by Dr Dilip Mittal on January 25, 2013 at 8:00pm — 2 Comments

तुम जो होंसला दिखाओ तो फर्क पड़ता है

तुम जो होंसला दिखाओ तो फर्क पड़ता है साहेब .

वर्ना , नंबर दो क्या, नंबर एक भी हो जाओ,किसे फर्क पड़ता है ?

जलसे,जयकारे ,चापलूसों की फ़ौज ,किसे फर्क पड़ता है ?

देशभक्त को अपना दोस्त बनाओ तो फर्क पड़ता है ,

दूसरों के भ्रष्टाचार की कलई खोलो ,किसे फर्क पड़ता है ?

अपनों के गलत कामों को रोको तो फर्क पड़ता है ,

पिछड़ों के मसीहा बनो किसे फर्क पड़ता है…

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Added by Dr Dilip Mittal on January 25, 2013 at 7:36pm — 2 Comments

पशु चिकित्सक की डिग्री

सुना है ,
अब,एम बी बी एस करने पर
पशु चिकित्सक की डिग्री
दी जा रही है,
क्योंकि,
मनुष्य की कोख से,
जानवर कि,
नस्ल आ आ रही है .

Added by Dr Dilip Mittal on January 16, 2013 at 3:00pm — 5 Comments

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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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