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Savitri Rathore's Blog – June 2013 Archive (3)

प्रतीक्षा / कविता

पुष्प से सुन्दर,कोमल हृदय में 

लिए एक मधुर-सी- आकांक्षा।

सुन्दर होंगे क्षण प्रिय-मिलन के ,

 सदा करती हूँ तुम्हारी प्रतीक्षा।

मेरे इस जीवन का एकमात्र

सुन्दर-मधुर स्वप्न हो तुम।

जिसे अब तक नहीं जानती मैं,

मेरे वो अज्ञात प्रियतम हो तुम।

तुम्हारे दर्शन को व्याकुल आत्मा।

सदा करती हूँ तुम्हारी प्रतीक्षा। 

तुम स्वप्न हो मेरे जीवन का,

अनुपम आनंद देती ये कल्पना।

पर उस क्षण मैं जाती हूँ काँप,

जब पाती हूँ तुम्हें केवल सपना।

कैसे…

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Added by Savitri Rathore on June 25, 2013 at 9:03pm — 10 Comments

प्राकृतिक आपदा के मध्य जीवन मूल्यों का अवमूल्यन

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा ने जहाँ एक ओर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है,वहीं दूसरी और पूरे देश को हिला कर रख दिया है।यह विषम परिस्थिति हम सभी के धैर्य की परीक्षा है और परस्पर एक-दूसरे के सहयोग की,सहायता की आवश्यकता का ये परम अवसर है।यही समय मानवता रुपी धर्म के पालन का उचित समय है, परन्तु कुछ लोग इस समय मानवता को लज्जित कर रहे हैं।वे प्रकृति की मार से त्रस्त भूखे-प्यासे लोगों से ५ रूपये के बिस्किट के स्थान पर एक सौ रूपये,तीस-चालीस रुपये के दूध के स्थान पर दो सौ रुपये, किसी को अपने…

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Added by Savitri Rathore on June 20, 2013 at 9:21pm — 8 Comments

एक अच्छा इन्सान बनो।

कुछ भी बनने से पहले

एक अच्छा इन्सान बनो।

कुछ भी करने से पहले,

दूसरों का सम्मान करो।

समझो दूसरों की भावनाएँ,

न उनका अपमान करो।

मत दो किसी को दुःख,

सबको प्रेम समान करो।

जो तोड़ दे किसी हृदय को,

ऐसी उपेक्षा,न अपमान करो।

यदि कोई गहराई से चाहे तुम्हें,

तो उस प्रेम का सदा मान रखो।

खेल कर किसी के भावों से,

उस प्रेम का न अपमान करो।

ठुकरा कर  प्रेम किसी का,

न आहत आत्मसम्मान करो।

तुम्हारी उपेक्षा,आत्मग्लानि में

न…

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Added by Savitri Rathore on June 8, 2013 at 12:20am — 15 Comments

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