For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

योगराज प्रभाकर's Blog – August 2010 Archive (3)

एक भाई के दिल की पुकार ... ओ मेरी लाडली बहन

ओ मेरी लाडली बहन, ओ मेरी माँ जाई,

तुझ पे कुर्बान है सदा, तुम्हारा ये भाई !



जहाँ में चाँद सितारे हैं कायम जब तक,

तेरा सुहाग भी अमर रहे सदा तब तक !



तुम्हारे गाँव से बस ठंडी हवा आती रहे,

जिंदगानी तुम्हारी यूँ ही मुस्कुराती रहे !



मेरे बाबा की मेरी माँ की निशानी तू है

मेरे कुनबे की शर्म-ओ-लाज की बानी तू है !



दिल ये कहता है कि मैं फिर से मनाऊँ तुझको ,

अपने कन्धों पे बिठा फिर से घुमाऊँ तुझको !



तुम्हारी कपडे की गुडिया बहुत… Continue

Added by योगराज प्रभाकर on August 23, 2010 at 11:30pm — 10 Comments

ग़ज़ल-7 (योगराज प्रभाकर)

कत्ल पेड़ों का हुआ तो, हो गया प्यासा कुआँ !

तिश्नगी अब क्या बुझाएगा भला तिश्ना कुआँ !



पनघटों पर ढूँढती फिरती सभी पनिहारियाँ,

एक दिन ये लौट कर आयेगा बंजारा कुआँ !



बस किताबों में नजर आएगा, ये अफ़सोस है

हो गया इतिहास अब ये भूला बिसरा सा कुआँ !



एक दिन बेटी को जिसकी खा गया था रात में,

उसको तो ख़ूनी लगे उसदिन से ही अँधा कुआँ !



मौत शायद टल ही जाये धान की इंसान की,

गर किसी सूरत कहीं ये हो सके ज़िन्दा कुआँ…
Continue

Added by योगराज प्रभाकर on August 12, 2010 at 12:30am — 11 Comments

ग़ज़ल-6 (योगराज प्रभाकर)

कई बरसों के बाद घर मेरे चिड़ियाँ आईं

बाद मुद्दत ज्यों पीहर में बेटियाँ आईं !



ज़मीं वालों के तो हिस्से में कोठियाँ आईं,

बैल वालों के नसीबों में झुग्गियाँ आईं !



जाल दिलकश बड़े ले ले के मकड़ियां आईं

कत्ल हों जाएँगी यहाँ जो तितलियाँ आईं !



झोपडी कांप उठी रूह तलक सावन में,

ज्योंही आकाश पे काली सी बदलियाँ आईं !



ऐसे महसूस हुआ लौट के बचपन आया,

कल बड़ी याद मुझे माँ की झिड़कियां आईं !



बेटियों के लिए पीहर में पड़ गए ताले

हाथ… Continue

Added by योगराज प्रभाकर on August 2, 2010 at 9:00pm — 7 Comments

Monthly Archives

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

2011

2010

1999

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
57 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
59 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
3 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहा सप्तक. . . . . मित्र जग में सच्चे मित्र की, नहीं रही पहचान ।कदम -कदम विश्वास का ,होता है…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर,…"
13 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"गीत••••• आया मौसम दोस्ती का ! वसंत ने आह्वान किया तो प्रकृति ने श्रृंगार…"
20 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली अपने थीम के अनुरूप ही प्रस्तुत हुई है.  हार्दिक बधाई "
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली के लिए हार्दिक धन्यवाद.   यह अवश्य है कि…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी प्रस्तुति आज की एक अत्यंत विषम परिस्थिति को समक्ष ला रही है. प्रयास…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service