दरार – ( लघुकथा ) -
मीरा और मोहन कितने खुश थे जब उनके परिवार वालों ने उनके प्रेम विवाह को मंज़ूरी दे दी!मीरा के तो पैर ज़मीन पर ही नहीं पड रहे थे! हनीमून के लिये श्रीनगर गये!दौनों की खुशियां सातवें आसमान पर थीं!
एक दिन अंतरंग क्षणों में, कसमे वादे के दौर में, मीरा ने मोहन को अपने साथ हुई एक घटना सुना दी,” वह जब सोलह साल की थी!उसके दूर के रिश्ते के मामाजी ने उसके साथ ज़बरदस्ती की थी! उसने मॉ को रो रो कर सारा वाकया सुनाया! वह चाहती थी कि पुलिस में शिकायत कर दो! पर मॉ ने…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on March 26, 2016 at 11:50am — 10 Comments
कैक्टस का फ़ूल –( लघुकथा ) –
कालेज की ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में सुबोध इस बार अपने मित्र आनंद का आग्रह टाल ना सका और उसके गॉव आगया!काफ़ी बडा गॉव था!कहने को गॉव था पर शहरी हर सुविधा मौज़ूद थी!रेलवे स्टेशन,बस स्टॉप,अस्पताल,बैंक ,बिजली,पानी,टी वी,इंटरनैट आदि सब उपलब्ध था!
बैठक में सुबोध अकेला बैठा था कि एक सज्जन मिलने आगये!बडा अजीब प्रश्न किया,"क्या तुम भी माया को देखने आये हो"!
सुबोध कुछ कहता उससे पहले ही आनंद आगया और वह सज्जन खिसक लिये!सुबोध को कुछ समझ नहीं आया अतः आनंद से…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on March 18, 2016 at 8:06pm — 6 Comments
सोने की चिडिया - (लघुकथा ) -
"भाई साहब, आपने घनश्याम के साथ बहुत बडा अन्याय कर दिया"!
"ऐसा क्या होगया छोटे, कुछ साफ़ साफ़ बोल ना"!
"आपके इस फ़ैसले पर सारी बिरादरी और खानदान थू थू कर रहा है"!
"किस फ़ैसले की बात कर रहा है "!
" घनश्याम की शादी का फ़ैसला ! ऐसी बदसूरत लडकी आजतक पूरे समाज और रिश्तेदारी में नहीं आयी, ना रंग, ना रूप, पता नहीं घनश्याम जैसे गोरे चिट्टे, सुंदर,सजीले , शिक्षित और प्रोफ़ेसर बेटे के लिये यही एक लडकी मिली थी आपको"!
" छोटे, कभी कभी…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on March 13, 2016 at 10:45am — 10 Comments
कसक – ( लघुकथा ) –
रोहित बिहार के पटना ज़िले के एक छोटे से गॉव के एक गरीब किसान परिवार का इकलौता मगर होनहार पुत्र था!वह हैदराबाद विश्वविद्यालय में "भारतीय राजनीति का गिरता स्तर" विषय पर शोध कार्य कर रहा था!उसकी कार्य शैली और थीसिस के संस्करण देख उसके गाइड चकित थे!
राजनीतिज्ञों को जैसे ही इन बातों की हवा लगी, वे रोहित को साम, दाम, दंड, भेद खरीदने में लग गये!वे नहीं चाहते थे कि उसका शोध कार्य छपे!सबके चेहरे बेनक़ाब हो जायेंगे!जब कोई युक्ति कारगर साबित नहीं हुई तो रोहित को खत्म…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on March 10, 2016 at 11:52am — 6 Comments
समूचा क्षेत्र सूखे और अकाल की चपेट में था! चारों ओर त्राहि त्राहि मची हुई थी!लोग एक एक बूंद पानी को तरस रहे थे!ऐसे में गॉव के प्रधान वीर पाल ने आस पास के सभी गॉवों में मुनादी पिटवा दी कि बारिस करवाने के लिये महायज्ञ और भागवत कथा का आयोजन कराया जा रहा है!यह कार्य क्रम पंद्रह दिन चलेगा!मथुरा वृंदावन से साधु संत और भागवत कथा वाचक बुलाये जायेंगे!अनुमानित खर्चा इक्यावन हज़ार के लगभग होगा!सभी लोग अपनी सामर्थ्य और श्रद्धा से इस दान पुन्य के महोत्सव मे बढ चढ कर भाग लें!
नियत तिथि पर प्रधान…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on March 7, 2016 at 11:00am — 12 Comments
आघात – ( लघुकथा ) –
वर्मा जी ने जीवन भर की क़माई अपने इकलौते बेटे पवन के भविष्य को बनाने में लगा दी!पहले तो मंहंगी से मंहंगी कोचिंग का खर्चा फ़िर आई आई टी की मंहंगी पढाई!तत्पश्चात बेटे की एम बी ए करने की फ़रमाइश ! बची खुची पूंजी बेटे की शादी में खर्च कर दी !सोचा कि और किसके लिये कमाया है!
बेटा पवन नौकरी करने विदेश चला गया!मॉ बाप अकेले!हारी बीमारी कोई पूछने वाला नहीं!तीन साल से न बेटा आया न बहू!शुरू में तो होली दिवाली फ़ोन आजाता था!अब तो वह भी नहीं आता!वर्मा जी जब भी फ़ोन मिलाते…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on March 5, 2016 at 3:36pm — 10 Comments
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