हुईं थीं मुद्दतें फिर, वक़्त कुछ ख़ाली सा गुज़रा है;
कोई बीता हुआ मंज़र, ज़हन में आके ठहरा है;
कहीं जाऊं, मैं कुछ सोचूँ, न जाने क्या हुआ है,
मेरी आज़ाद यादों पर किस तसव्वुर का पहरा है;…
Added by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on February 29, 2012 at 2:51pm — 37 Comments
दस फागुनी दोहे -
मन में संशय न रहे खुले खुले हों बंध ,
नेह छोह के पुष्प से निकले मादक गंध |
हुलस उलस इतरा रहे गोरी तेरे अंग ,
मेरे मन बजने लगे ढोल मजीरा चंग |
गोरी फागुन रच रहा ये कैसा षडयन्त्र ,
तू कानो में फूंकती आज मिलन के मन्त्र |
रंग लगाने के लिए तू बैठी थी ओट ,
मेरा मन…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 29, 2012 at 7:30am — 26 Comments
Added by satish mapatpuri on February 24, 2012 at 2:05am — 7 Comments
Added by asha pandey ojha on February 22, 2012 at 1:00pm — 10 Comments
आरोग्य दोहावली
१
दही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय.
होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय..
२
बहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल.…
ContinueAdded by Er. Ambarish Srivastava on February 18, 2012 at 2:30pm — 11 Comments
इन आंखों की गहराई में,
डूबा दिल दीवाना है.
मस्ती को छलकाती आंखें,
मय से भरा पैमाना हैं.
ये आंखें केवल आंख नहीं हैं ,
ये तो मन का दर्पण हैं .
दिल में उमड़ी भावनाओं का,
करती हर पल वर्णन हैं.
ये आंखे जगमग दीपशिखा सी ,
जीवन में ज्योति भरती हैं.
भटके मन को राह दिखाती,
पथ आलोकित करती हैं.
इन आंखों में डूब के प्यारे,
कौन भला निकलना चाहे.
ये आंखे तो वो आंखे हैं ,
जिनमें हर कोई बसना चाहे.
.…
Added by Pradeep Bahuguna Darpan on February 15, 2012 at 5:00pm — 8 Comments
Added by Pradeep Bahuguna Darpan on February 13, 2012 at 5:08pm — 8 Comments
जब उठाया घूंघट तुमने,
दिखाया मुखड़ा अपना
चाँद भी भरमाया
जब बिखरी तुम्हारे रूप की छटा
चाँदनी भी शरमायी
तुम्हारी चितवन पर
आवारा बादल ने सीटी बजाई ।
तुमने ली अगंड़ाई, अम्बर की बन आई
तुमसे मिलन की चाह में फैला दी बाहें,
क्षितिज तक उसने
भर लिया अंक में तुम्हें, प्रकृति, उसने
तुम्हारे…
Added by mohinichordia on February 7, 2012 at 6:30am — 10 Comments
हाँ , आज हुआ है मेरा
Added by राज लाली बटाला on February 6, 2012 at 10:30pm — 21 Comments
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
2011
2010
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |