For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय एडमिन महोदय,

मंच पर हर माह छंदोत्सव का आयोजन होता है, जिसका उद्देश्य ही सभी रचनाकारों का परस्पर सनातनी छंद सीखना और सिखाना है... जिसे सभी सदस्य एक साहित्यिक कार्यशाला की तरह लेते हैं..आदरणीय, लेकिन इस कार्यशाला का उद्देश्य तभी सार्थकता पायेगा, जब हर रचनाकार अपनी प्रविष्टि की हर त्रुटि को जान कर एक दूसरे के सहयोग से उसे सुधार सके.

जो सुधि रचनाकार सुधारना चाहते हैं, वो हर हाल में सीख कर आगे बढ़ जाते है, पर कई रचनाकार अपनी एक रचना की त्रुटियों को ही नजरअंदाज कर एक के बाद दूसरी, फिर तीसरी भी प्रविष्टि प्रस्तुत कर देते हैं....तीसरे दिन की समाप्ति के बाद जब प्रविष्टियों का संकलन पड़ने को मिलता है, उसमें रचनाएँ त्रुटियुक्त ही संकलित हो जाती है..कोइ नवरचनाकार यदि उदाहरण के तौर पर इस संकलन को पड़ता है.. तो छंद विधान पर कुछ कुछ गलत उदाहरण भी उसे पड़ने को मिलते हैं..

इसलिए,  मेरा यह सुझाव है, कि संकलन में उन्हीं प्रविष्टियों को शामिल किया जाना चाहिए जिनका शिल्प पूर्णतः निर्दोष हो.

अब क्योंकि यह छंदोत्सव है, प्रतियोगिता नहीं है, इसलिए रचनाकारों द्वारा अपनी त्रुटियों को तीसरे दिन की समाप्ति से पहले एडिट करवा लिया जाना चाहिए, ताकि पूर्णतः शुद्ध संकलन सबके सामने एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत हो सके.

सादर.

Views: 793

Replies to This Discussion

//रचनाकारों द्वारा अपनी त्रुटियों को तीसरे दिन की समाप्ति से पहले एडिट करवा लिया जाना चाहिए, ताकि पूर्णतः शुद्ध संकलन सबके सामने एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत हो सके.//

डॉ. प्राची, जानने वाले इस तथ्य को जानते हैं और तदनुरूप सुधार को स्वीकार कर अशुद्ध या सलाह पायी रचनाओं में मोडिफ़िकेशन करवाते भी हैं. ऐसा मुशायरे और लाइव काव्य महाउत्सव में होता ही है. इस आयोजन में भी होता है. यह अवश्य है कि जब यह आयोजन प्रतियोगिता की तरह आयोजित होता था तो किसी सलाह या सुझाव के अनुसार प्रविष्टियों में किसी परिवर्तन की मनाही थी.

आपका अन्य सुझाव भी समीचीन है.

सादर

प्रिय प्राची जी आपका सुझाव बिलकुल सही है |

आपका सुझाव उपयुक्त है।

अनुमोदन

छंदोत्सव की प्रविष्टियों में से सिर्फ निर्दोष रचनाओं के संकलन किये जाने के सुझाव पर आप सभी सुधिजनों के अनुमोदन हेतु सादर आभार.

सहमत हूँ डॉ प्राची जी !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
10 hours ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
14 hours ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं करवा चौथ का दृश्य सरकार करती  इस ग़ज़ल के लिए…"
14 hours ago
Ravi Shukla commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेंद्र जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं शेर दर शेर मुबारक बात कुबूल करें। सादर"
14 hours ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी गजल की प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई गजल के मकता के संबंध में एक जिज्ञासा…"
14 hours ago
Ravi Shukla commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय सौरभ जी अच्छी गजल आपने कही है इसके लिए बहुत-बहुत बधाई सेकंड लास्ट शेर के उला मिसरा की तकती…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर आपने सर्वोत्तम रचना लिख कर मेरी आकांक्षा…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service