भोजपुरी ग़ज़ल
ठेस जब दिल पर न लागल, मन अकुलाईल काहे |
बात जब कुछुओ न रsहल, आँख लोराईल काहे ||
फांस लालच के फईलल बा, मना ओहर ह जाइल |
बात सभके समझ आइल, लोग अझुराईल काहे ||
सबुर से बड़हन नईखे, केवनो दउलत जहां में |
मिलल एगो रोटी जे कम, मन झुझूआईल काहे ||
ऊ करेले प्यार तहरा से, कहत रहलs सभे से |
बोललs जे आई लव यू, फेर खिसिआईल काहे ||
जनम लेवे से पहिले, मार दिहलs बिटियन के |
अब पतोहू ना मिले, तs मन बघूआईल काहे ||
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हमार पिछुलका पोस्ट => एगो प्रयोग : भोजपुरी घनाक्षरी
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बागी जी, भोजपुरी साहित्य श्री में ई ग़ज़ल बस बढ़ोत्तरी न करत बिया बलुक बहुत बढ़िया स्थानों राखत बिया| अंतिम वाला शे'र त बहुत सुघर बा|
बहुत बहुत धन्यवाद|
बहुत बहुत धन्यवाद भाई आशीष जी, अंतिम वाला शे'र हमहू के बहुत निक लागल |
/बात जब कुछुओ न रsहल, आँख लोराईल काहे/
कबो-कबो अइसनो हो जाला कि अचानके से कौनो पुरान घटना आ चांहें केहू याद आ जाई, आ फेन, बिना कौनो बाते के आँख से टप-टप लोर गिरे लागी. ओ मनोदशा के सन्दर्भ में राउर इ पंक्ति एकदम सटीक बईठ$ तिया.
/बात सभके समझ आइल, लोग अझुराईल काहे/
"लालच बड़ा बेकार चीज़ ह" इ बात पता ता सबकरा रहेला. लेकिन तबो लोग अझुराईल रहेला. का करब, कूल मोह-माया के चक्कर ह$.. :P
/ऊ करेले प्यार तहरा से, कहत रहलs सभे से |
बोललs जे आई लव यू, फेर खिसिआईल काहे ||/
एही से कहात रहे कि पहिले कनफरम क$ लीं, लेकिन रऊआ मनबे ना कईनी (अइसहीं 'बागी' नाम थोड़े धरा गईल बा..:)), त$ ऊ त खिसियईबे करिहें.
कूल मिलाके हम त इहे कहम कि इ ग़ज़ल ना ह$ ए भाई.. इ त$ बवाल ह बवाल. बधाई स्वीकार कईल जाऊ.
जय हो!
विवेक भाई बहुत बहुत धन्यवाद बा रौआ के, रौआ जईसन कुवार लोगके तनी ध्यान देवे के जरुरत बा, आई लव यू तनी सोच समझ के ही बोलब जा :-))))
गणेश, भोजपुरी में मैंने ये पहली गज़ल पढ़ी है...बहुत बढ़िया...बधाई !
''जनम लेवे से पहिले, मार दिहलs बिटियन के |
अब पतोहू ना मिले, तs मन बघूआईल काहे ||''
शन्नो दीदी, आपका आभार |
Bagi ji, Namaskar. Bhojpuri gajal bahut badhiya lagal ha...bahut badhayee.
प्रणाम बहिन, बहुत बहुत धन्यवाद |
बहूते सुनर बहूते निमन साधुवाद बा भाई जी के रौरा लेखनी के सलाम !
Dhanyavaad Bhai Rajeev Jee.
अंतिम पंक्तियों में गजल सार्थक हो गई |
आपकी टिप्पणी के पश्चात् वास्तव में ग़ज़ल सार्थक हो गई, बहुत बहुत आभार आदरणीया मोहिनी जी,
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