सादर अभिवादन ।
पिछले 52 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :
"ओ बी ओ लाइव महा-उत्सव" (होली स्पेशल) अंक-53
विषय - "होली की हुड़दंग"
आयोजन की अवधि- 05 मार्च 2015 (गुरूवार) से 06 मार्च 2015 (शुक्रवार) की समाप्ति तक (यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)
बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए.आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.
उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --
तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)
अति आवश्यक सूचना :-
सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.
आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है.
इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 05 मार्च 2015, दिन गुरुवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
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महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
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मंच संचालिका
डॉo प्राची सिंह
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.
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आदरणीय होली में जो बदचलन कहे समझिये उसका ही चलन बदतर है, इसलिए ऐसे लोगो को कहने दीजिये, आप तो बस होली का आनंद लीजिये. सारा रारा रारा रारा :-)
सारे ही तो पढ़ते हैं, शौक से या डर-डर,
फ़ालतू का शौक कभी, हम रखते नहीं.
बढ़िया है सर ऐसे बच्चे up ही नहीं सब जगह मिलते हैं
हा हा हा हा, बहुत बहुत आभार आदरणीया वंदना जी.
आदरणीय इं. "बागी" सर पार्ट-2 मैं पप्पू का रिजल्ट आ ही गया
सुनलें गुरुजी आप, रही डरने की बात,
यू. पी. वाले किसी के बाप से डरते नहीं......हा हा हा ...सुन्दर !
रचना पसंद करने और सराहने हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय हरिप्रकाश दुबे जी.
सुनलें गुरुजी आप, रही डरने की बात,
यू. पी. वाले किसी के बाप से डरते नहीं..........................बहुत सुन्दर ...बधाई | सादर
सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीया मीना जी.
आदरणीय बागी जी बधिया हास्य घनाक्षरी रची है आपने ,मज़ा आ गया पढ़ के ॥ दिले बधाइयाँ स्वीकार करें ॥
घनाक्षरी आपको गुदगुदा सकी, मेरा प्रयास सफल हुआ, बहुत बहुत आभार.
सराहना और आपकी इस घनाक्षरी पर उपस्थिति हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर जी.
सुनलें गुरुजी आप, रही डरने की बात,
यू. पी. वाले किसी के बाप से डरते नहीं. .. . .
अब समझा मैं आपके बउराने का राज़ !!
जय हो.. घनाक्षरी की व्यवस्था के लिए बधाई..
शुभ-शुभ
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