For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुड़ खूब खाले ख़ाली, गुल्गुल्ला से परहेज बा,
आपने म्यान काटे, राउर तलवार बड़ी तेज बा ,

गाय के रखवारी देखी ,करत बा कसाई,
पाई मोका करी हलाल,वोके कहा गुरेज बा,

हम हम के खेल मे, मकसद भुलाय गइल ,
झूठ से मोहब्बत ख़ाली, साच से परहेज बा,

बुद्धि कईलस भ्रष्ट, भरल चाटुकारन के सेना,
लउके ना चुवत पलानी, खबर सनसनीखेज बा,

नफरत से भरल दुनिया ,नफरत के बोलबाला,
प्यार के "बागी" राह चलल कांट भरल सेज बा,

*********************************************

हमार पिछुलका पोस्ट => भोजपुरिया रिति रिवाज - माई के पूजईया ( चिकेन पाक्स )

Views: 1852

Replies to This Discussion

प्यार के "बागी" राह चलल कांट भरल सेज बा,..............एकदम सत्य अउर सामयिक। गागर में सागर। एकदम सार्थक चित्रण।। सादर आभार।।
बहुत बहुत धन्यवाद प्रभाकर भईया सब रौवा लोगन के आशीर्वाद बा जी ईट्टा, गिट्टी, बालू ,छड़ के बीच रहे वाला व्यक्ति भी कुछ लिख पावत बा,
बुद्धि कईलस भ्रष्ट, भरल चाटुकारन के सेना,
लउके ना चुवत पलानी, खबर सनसनीखेज बा,

प्रधान मंत्री के हाथ में नइखे मंत्री पद देना ,
भ्रस्ट नेता मंत्री बनी साफ सुथरा से परहेज बा ,
रहनुमा बनल हाय रे किस्मत गुंडा बनके नेता ,
सब करत बाटे उहो खाली अच्छी से परहेज बा ,
एतना बढ़िया बनल बा गजल कलम ह बागी के ,
बाह बाह मन करत बा बहुत बढ़िया सन्देश बा ,
बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी , ई सब राउर संगत के असर बा,
मेराज भाई शुक्रिया हौसलाफजाई ख़ातिर,
bahut bandhiya sir... rauwa etna bandhiya likhne bani ki ekra bare me kahe ke kouno shabda hi naikhe.

ehi tare likhat rahi..
सुनील पाण्डेय जी , धन्यवाद बा ,जे रौवा सब के प्यार मिळत बा ,
"बुद्धि कईलस भ्रष्ट, भरल चाटुकारन के सेना,
लउके ना चुवत पलानी, खबर सनसनीखेज बा ।"

सत्य वचन । बहुत बढ़िया ।
बुद्धि कईलस भ्रष्ट, भरल चाटुकारन के सेना,
लउके ना चुवत पलानी, खबर सनसनीखेज बा,

बहुत सही लिखले बानी ए गनेश भैया.....आज कल हमनी के आसपास ऐसन बहुत लोग भरल बा जे खाली मतलब खातिर सटल बा और मीठा मीठा बात बोलत बा ....काम ख़तम भैइला के बाद ओकरा लात मारत मे भी समय ना लागी...एहसे हमेशा सतर्क रहे के चाही...और जे पहीले से सतर्क रही ओकरा बाद मे कौनो दिक्कत ना होई लेकिन कुछ लोग ऐसन बा जे समझे के कोसिश ही ना करेला...जबकि कई बार उ लोग के संदेश भी मिल जाला की ग़लत हो रहल बा लेकिन वो लोग के आँख पर उ चाटुकारन के प्यार के रंग और पट्टी चढ़ल रहेला...लेकिन जब समझ मे आई तब तक बहुत देर हो चुकल रही.....

वैसे बहुत सही लिखले बानी गनेश भैया....
गणेश भाई बहुत खूब लिखले बनी रौवा समाज मे फहेलाल भरस्टचार के सही रूप रेखा देखएलए बनी रौवा .हमरा ता बहुत अछा लगाल ह भगवान से ई हे दुवा करेम की रौवा आएसही लिखत रही .......
raua hila ke rakh deni ....
aaur pyaar ke raah par chalal kaata na hoyi ...
नफरत से भरल दुनिया ,नफरत के बोलबाला,
प्यार के "बागी" राह चलल कांट भरल सेज बा,
hamni ke raua ke kaanta n gade dev ....thanks
गाय के रखवारी देखी ,करत बा कसाई,
पाई मोका करी हलाल,वोके कहा गुरेज बा,
नफरत से भरल दुनिया ,नफरत के बोलबाला,
प्यार के "बागी" राह चलल कांट भरल सेज बा,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
Sunday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service