For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।

पिछले 103 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलम आज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-104

विषय - "पर्यावरण"

आयोजन की अवधि- 14 जून 2019, दिन शुक्रवार से 15 जून 2019, दिन शनिवार की समाप्ति तक

(यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)

बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
नज़्म
हाइकू
सॉनेट
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना :-

रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो पद्य-साहित्य की अलग अलग विधाओं अथवा अलग अलग छंदों में रचनाएँ प्रस्तुत हों.

रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फॉण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर संकलन आने के बाद संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता अपेक्षित है.

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो - 14 जून 2019, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा)

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें

मंच संचालक
मिथिलेश वामनकर
(सदस्य कार्यकारिणी टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 3908

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय डॉ टी आर शुकुल जी सादर अभिवादन ,विषयानुकूल उत्तम रचना पढ़कर मन झूम उठा,बहुत बहुत बधाई

प्रदूषण की भभक से चेतना को थर्राती हुयी बढ़िया प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय टी.आर. शुकुल जी।

आद0 टी आर सुकुल जी सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन लेखनी चलाई आपने, बहुत खूब। बधाई स्वीकार कीजिये।सादर

कुण्डलिया छंद-   (विषय-पर्यावरण)

=========================

आबादी    बढ़ती  गई,  कटे  निरंतर  पेड़।

क्रुद्ध प्रकृति हंटर लिए, चमड़ी  रही उधेड़।।

चमड़ी   रही  उधेड़, उच्चतम पहुँचा पारा।

त्राहि-त्राहि कर देश, जल रहा है अब सारा।।

हरित क्रांति ही  आज, रोक सकती बर्बादी।

सभी   लगाएँ   पेड़, बचेगी  तब  आबादी।।

(मौलिक व अप्रकाशित)

-हरिओम श्रीवास्तव-

बहुत बढिया हरिओम जी

हार्दिक आभार आदरणीय श्लेष चंद्राकर जी।

आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी विषयानुकूल जबरदस्त कुण्डलिया पढ़कर मन प्रफुल्लित हुआ ,बहुत बहुत बधाई

प्रदत्त विषय पर सुन्दर कुंडलियों का सृजन। बधाई स्वीकार करें आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी।

आद0 हरिओम श्रीवास्तव जी सादर अभिवादन। आपकी रचना का क्या कहना। बहुत खूब,, 

बम-बम बोले लेखनी, विषय करे साकार

शब्द चयन भी आपका, दे उसको आकार

दे उसको आकार, भाव भी खिलकर आये

मुँह से निकले वाह, और पाठक मुस्काये

सरस् सरल का मेल, लगे हो जैसे संगम

बढ़िया इक सन्देश, लिए यह रचना बम-बम।।

बधाई आपको,, सादर

बहुत बढिया हरिओम जी

हार्दिक आभार आदरणीय श्लेष चंद्राकर जी।

सारा जीवन मेरे अंदर (16,11)


भाँति-भाँति का जीवन मुझको
देता खुशी अपार
सारा जीवन मेरे अंदर
मैं इसका आधार

पर्वत शिखरों पर फैली जो
दिखती चादर एक
मन मोहे यह हर उस जन का
जो लेता है देख
स्वच्छ सफेदी से जुड़े दिखे
हरियाली के तार
सारा जीवन मेरे अंदर
मैं इसका आधार।


नील वर्ण से ढकी मही यह
अद्भुत नीला रंग
करतब करते दिखते कितने
बालक इसके संग
नाना विधि के रत्न खोज लो
है उनका भंडार
सारा जीवन मेरे अंदर
मैं इसका आधार।

मीलों ऊपर तक फैला है
देखो मेरा घेर
मुझ बिन कुछ भी है क्या बोलो
क्या मच्छर क्या शेर?
सबको मानूँ अपना ही मैं
मुझको सबसे प्यार
सारा जीवन मेरे अंदर
मैं इसका आधार।

एक जीव मुझमें ही पनपा
रहे पालता चाव
स्वार्थ सिद्धि ने जिसकी डाले
मुझपर बुरे प्रभाव
कैसे लालच है उसका यह
रहा उसी को मार
सारा जीवन मेरे अंदर
मैं इसका आधार।

हरे रंग में कमी हुई है
हुआ चहकना बंद
सूनी धरती सूना अम्बर
किसको यहाँ पसंद
बलखाती बहती नदियों की
सिमट रही जल धार
सारा जीवन मेरे अंदर
मैं इसका आधार।

सुधरेगी आदत जब सब की
होगा तभी विकास
स्वच्छ नीर से पोषित होंगे
शुद्ध वायु में श्वास
त्यागें सब कृत्रिम झोले अब
न हो प्रकृति पर मार
सारा जीवन फिर हो सुन्दर
मैं जीवन आधार।

भाँति-भाँति का जीवन मुझको
देता खुशी अपार
सारा जीवन मेरे अंदर
मैं इसका आधार।

मौलिक एवं अप्रकाशित

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

मनोरमा जैन पाखी left a comment for मनोरमा जैन पाखी
"धन्यवाद आद. योगराज प्रभाकर सर जी"
7 hours ago
मनोरमा जैन पाखी updated their profile
7 hours ago
Manoj Misran is now a member of Open Books Online
17 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहतर है शुक्रिया आपका अमित जी सादर"
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय Mahendra Kumar जी  1. मतला ग़ज़ल का पहला शे'र और सबसे अह्म हिस्सा होता है। उसे…"
yesterday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
""ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-153 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक…"
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
" जी ठीक है हमको फ़ुर्सत ही नहीं कार-ए-जहाँ से जानाँ "आपके मिलने का होगा जिसे अरमाँ…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय अमित जी एक और प्रयास देखिएगा सादर हमको फ़ुर्सत ही नहीं कार-ए-जहाँ से मिलती "आपके मिलने…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय महेंद्र जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
yesterday
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय अजय जी। सादर।"
yesterday
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, बहुत-बहुत शुक्रिया। संज्ञान ले लिया गया है। सादर।"
yesterday
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहुत-बहुत शुक्रिया सर। अगली बार पूरा प्रयास रहेगा कि निराश न करूँ। सादर।"
yesterday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service