For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल-किनारा हूँ तेरा तू इक नदी है

अरकान-1222  1222  122

किनारा हूँ तेरा तू इक नदी है
बसी तुझ में ही मेरी ज़िंदगी है।।

हमारे गाँव की यह बानगी है
पड़ोसी मुर्तुज़ा का राम जी है।।

ख़यालों का अजब है हाल यारो
गमों के साथ ही रहती ख़ुशी है।।

घटा गम की डराए तो न डरना
अँधेरे में ही दिखती चाँदनी है।।

मुकम्मल कौन है दुनिया में यारो
यहाँ हर शख़्स में कोई कमी है।।

बनाता है महल वो दूसरों का
मगर खुद की टपकती झोपड़ी है।।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 683

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ajay Tiwari on July 20, 2019 at 11:06am

आदरणीय सुरेन्द्र जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई.

Comment by नाथ सोनांचली on February 15, 2019 at 8:59pm

आद0 सतविंद्र कुमार राणा जी सादर अभिवादन। बहुत बहुत आभार आपका

Comment by नाथ सोनांचली on February 15, 2019 at 8:58pm

आद0 दिगंबर नासवा जी सादर अभिवादन। आभार आपका

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on February 12, 2019 at 7:35pm

बेहतरीन अशआर! हारदुक बधाई

Comment by दिगंबर नासवा on February 8, 2019 at 1:25pm

खूबसूरत सादा ग़ज़ल ...

दिल को छूते हुए अलफ़ाज़ ... मेरी दाद कबूल कें ...

Comment by नाथ सोनांचली on February 5, 2019 at 5:37pm

आद0 आसिफ जैदी साहब सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभार। 

Comment by नाथ सोनांचली on February 5, 2019 at 5:36pm

आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभार। सब आपकी ही देन है अग्रज श्री। 

Comment by Asif zaidi on February 5, 2019 at 5:29pm

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'  साहब बहुत शानदार ग़ज़ल की मुबारकबाद क़़ुबूूल करें सादर

Comment by Samar kabeer on February 4, 2019 at 9:24pm

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
35 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
40 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service