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"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-8 (विषय: संकल्प)

आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
सादर वन्दे।
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पहले सात आयोजन आशा से कहीं बढ़कर बेहद सफल रहे। नए पुराने सभी लघुकथाकारों ने बहुत ही उत्साहपूर्वक इनमें सम्मिलित होकर इन्हें सफल बनाया। कई नए रचनाकारों की आमद ने आयोजन को चार चाँद लगाये I इस आयोजनों में न केवल उच्च स्तरीय लघुकथाओं से ही हमारा साक्षात्कार हुआ बल्कि एक एक लघुकथा पर भरपूर चर्चा भी हुई। गुणीजनों ने न केवल रचनाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन ही किया अपितु रचनाओं के गुण दोषों पर भी खुलकर अपने विचार प्रकट किए, जिससे कि यह गोष्ठियाँ एक वर्कशॉप का रूप धारण कर गईं। इन आयोजनों के विषय आसान नहीं थे, किन्तु हमारे रचनाकारों ने बड़ी संख्या में स्तरीय लघुकथाएं प्रस्तुत कर यह सिद्ध कर दिया कि ओबीओ लघुकथा स्कूल दिन प्रतिदिन तरक्की की नई मंजिलें छू रहा  है I यह कहना कोई अतिश्योक्ति न होगी कि यह सभी आयोजन लघुकथा विधा के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं । तो साथियो, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है....
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-8  
विषय : "संकल्प"
अवधि : 29-11-2015 से 30-11-2015 
(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 29 नवम्बर 2015 दिन रविवार से 30 नवम्बर 2015 दिन सोमवार की समाप्ति तक)
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  29 नवम्बर 2015 दिन रविवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
.
अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२.सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७.  नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
११. रचना/टिप्पणी सही थ्रेड में (रचना मेन थ्रेड में और टिप्पणी रचना के नीचे) ही पोस्ट करें, गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी बिना किसी सूचना के हटा दी जाएगी I
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मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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किसी लेखक के लिए इससे बड़ा दिन और क्या होगा जब कोई पाठक कहे कि लेखक ने उसके मन की बात कह दी।
दरअसल मीडिया अच्छे समाचार पेज नम्बर सात पर बहुत बारीक़ अक्षरो में देता है और यह अहसान भी तब जब कोई विज्ञापन न हो। नेगेटिव न्यूज़ प्रथम पेज पर बोल्ड फोंट में होती है।
मैंने इस विषय पर एक और शानदार रचना लिखी है मगर OBO के नियमानुसार यहाँ लिंक नहीं दे सकता। संभव हो तो गूगल सर्च में ये शब्द डाल दें दाढ़ी वाली मल्लिका शेरावत

फिर देखिएगा क्या गज़ब चीज़ निकल कर आती है। बहुत बहुत धन्यवाद ब्रदर इधर आने के लिए

आपने पेज सात कहा और मैं पेज पांच, हमारे यहाँ लोकल अखबारों में अचीवमेंट पेज पांच पर ही आते हैं छोटे से, पिछले लगभग 12-13 वर्षों से यह बात सोचता हूँ और कहता हूँ कि अखबार वालों के लिए हत्यारे, देश को लूटने वाले राजनेता आदि अधिक महत्वपूर्ण हैं और अचीवमेंट करने वाले कम महत्वपूर्ण| जिस दिन हमारे देश के अख़बारों में सकारात्मकता आ जाएगी, देश के आगे बढ़ने के रास्ते सुगम हो जायेंगे| गूगल सर्च करता हूँ भाई जी |

बहुत सुंदर,सुखद कथा हुई आदरणीय नील जी।बहुत बधाई आपको।

बहुत आभारी हूँ ज्योत्सना जी। मेरी एक रचना पर आपके दो विशेषण ' सुंदर ' तथा 'सुखद " पा कर अभिभूत हूँ।
पुन: धन्यवाद सहित ,सादर

अच्छी खबरें अखबार में मिल जाएं तो कहना ही क्या। अच्छी लघुकथा एक अलग अंदाज़ में। बधाई श्री प्रदीप नील जी।

तह-ए -दिल से शुक्रिया डा ( श्रीमती ) नीरज जी।
मैंने इस विषय पर एक और शानदार रचना लिखी है मगर OBO के नियमानुसार यहाँ लिंक नहीं दे सकता। संभव हो तो गूगल सर्च में ये शब्द डाल दें -दाढ़ी वाली मल्लिका शेरावत
फिर देखिएगा क्या गज़ब चीज़ निकल कर आती है। बहुत बहुत धन्यवाद  इधर आने के लिए

प्रदत्त विषय पर बढ़िया रचना , ऐसी खबरें तो अब दुर्लभ खबर बन कर रह गयी हैं । बहुत बहुत बधाई 

जी सर।  सही कहा आपने।  बेहद शुक्रिया। मैंने इस विषय पर एक और शानदार रचना लिखी है मगर OBO के नियमानुसार यहाँ लिंक नहीं दे सकता। संभव हो तो गूगल सर्च में ये शब्द डाल दें -दाढ़ी वाली मल्लिका शेरावत
फिर देखिएगा क्या गज़ब चीज़ निकल कर आती है। बहुत बहुत धन्यवाद  इधर आने के लिए

 प्रदीप जी, आप जी ने इस लघुकथा मे जैसे आँखों के जाले की बात की है, कमाल का संदेश दे गई है -बधाई हो  

आभारी हूँ मोहन जी कि आपने मेरी रचना के सन्देश को सही समझ कर टिप्पणी की। मैंने इस विषय पर एक और शानदार रचना लिखी है मगर OBO के नियमानुसार यहाँ लिंक नहीं दे सकता। संभव हो तो गूगल सर्च में ये शब्द डाल दें -दाढ़ी वाली मल्लिका शेरावत
फिर देखिएगा क्या गज़ब चीज़ निकल कर आती है। बहुत बहुत धन्यवाद  इधर आने के लिए

बहुत सुन्दर सन्देश देती लघुकथा के लिए बधाई स्वीकार करे आदरणीय प्रदीप नील जी .. आज आपकी पहली कथा पढ़ी बहुत अच्छी लगी । सादर ..

शुक्रिया नीता जी।  आपने मेरी पहली रचना पढ़ी और आपको अच्छी लगी , सुन कर भला लगा। मैंने इस विषय पर एक और शानदार रचना लिखी है मगर OBO के नियमानुसार यहाँ लिंक नहीं दे सकता। संभव हो तो गूगल सर्च में ये शब्द डाल दें -दाढ़ी वाली मल्लिका शेरावत
फिर देखिएगा क्या गज़ब चीज़ निकल कर आती है। बहुत बहुत धन्यवाद  इधर आने के लिए 

कभी मन हो तो OBO पर ही मेरे ब्लॉग पर मेरी कविताएँ भी देखिएगा 

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