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बेटी अभिमान है / गीत

बेटी से हैं सृष्टि सारी
बेटी से संसार है न्यारी
बेटी घर देहरी फुलवारी
बेटी से मान और गान है ..............
बेटी अभिमान है
देश का सम्मान है

शिक्षा ,पोषक में रही अधूरी
सदियों मर कर जीती आई
बहुत हुआ ये भेदभाव
बहुत हुआ अब अपमान है ...........
बेटी अभिमान है
देश का सम्मान है

धोखा धोखा है जग आशा
बेटी पर ना किया भरोसा
बेटा ही बेटा करते आये
समझा क्या बेटी शान है ...........
बेटी अभिमान है
देश का सम्मान है

कोख में देखो आग लगाई ,
गर्भ में बेटी हुई विदाई
गड़बड़-गड़बड़ खलबल - खलबल
लिंग भेद ने किया नुकसान है .......
बेटी अभिमान है
देश का सम्मान है

अब कोई दुष्कर्म ना होवे
बिटिया जननी कोई ना रोवे
बेटी की सुरक्षा जिम्मेदारी
जन - जन जारी ये फरमान है ........
बेटी अभिमान है
देश का सम्मान है


पुरूषतंत्र अब चेतो जागो ,
बेटी के सब गुण पहचानों
बेटी पढाओ बेटी बचाओ
भारत में बेटी वरदान है .......
बेटी अभिमान है
देश का सम्मान है

मौलिक और अप्रकाशित

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Comment by Meenakshi Sukumaran on September 29, 2015 at 1:41pm

behad behad sunder


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 28, 2015 at 10:36am

सुन्दर संदेश देते आपके इस गीत रचना के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ , आदरनीया कांता जी ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on September 25, 2015 at 11:16am
बहुत सुंदर अनुपम कृति आदरणीया Kanta Royजी।मुझे भी लगता है कि आप की छंदमुक्त रचना को आदरणीय मिथिलेश जी ने बहुत लयबद्ध कर दिया है।
आप दोनों को बहुत बहुत बधाई।
Comment by kanta roy on September 25, 2015 at 12:08am
वाह !!! आदरणीय मिथिलेश जी , आपने तो बहुत ही सुंदर बना दिया है । अब ये बिलकुल सुर में आ रही है । शत - शत नमन आपको । मै अभी आपके इस सार्थक सुझाव के तहत इसका संशोधन करती हूँ । सादर
Comment by pratibha pande on September 24, 2015 at 7:19pm

बेटियां नटखट बेटियां /जीवन की बिसात पर /ख़ुशी कीगोटियाँ /   

सच में बहुत प्यारी होती हैं बेटियां , इस प्यारी रचना के लिए ढेरों बधाई लें आप ,आदरणीय कांता जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on September 24, 2015 at 3:11pm

आदरणीया कांता जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति  हुई है. इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. प्रस्तुति में शिल्पगत संभानाएं / गुंजाइश बहुत है. जैसे 

बेटी से हैं सृष्टि सारी, बेटी से दुनिया है न्यारी
बेटी है देहरी फुलवारी, बेटी जीवन गान है
बेटी से अभिमान हमारा, भारत का सम्मान है

शिक्षा, पोषण वंचित फिर भी, सदियों मर-मर जीती आई
धोखा ही धोखा जग से पाया, केवल आंसूं पीती आई
बेटा ही बेटा करने वालों, बिटिया घर की शान है
बेटी से अभिमान हमारा, भारत का सम्मान है

लिंग भेद की रीत चलाई, कोख में देखो आग लगाई
हाय हुआ क्या मानवता को, गर्भ में बाबुल करे विदाई.
गड़बड़ खलबल करने वालों,खुद का ही ये नुक्सान है
बेटी से अभिमान हमारा, भारत का सम्मान है

कोई भी दुष्कर्म नहीं हो, बिटिया संग अधर्म नहीं हो
दुष्कर्मी के पक्ष में तेरा देख हृदय अब नर्म नहीं हो
चेतो जागो और पहचानो बेटी तो वरदान है
बेटी से अभिमान हमारा, भारत का सम्मान है

हर बेटी की रक्षा खातिर, जारी ये फरमान है
बेटी से अभिमान हमारा, भारत का सम्मान है

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