For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बचपन भटक रही है ( कविता )


हैरी पोर्टर की दुनिया में
वो रहता मसगूल
नोमिता और सिंगचेन बनकर
ही होना है मशहूर
वो कहता है माँ से
मुझे चाहिए माॅसमेलो
चावल दाल भूल कर
बन गया राईस केक का फैलो
खीर हलवा पूरी
अब हुई पुरानी बात
करना हो तो करो चाऊमिन पिज़्ज़ा
रोल वोल की बात
माँ बन गई माॅम
पापा का तो काम तमाम
ऐश और पिकाचू लेकर
याद रहा बस पोकीमोन
स्पाइडर मैन का जादू
ऐसा सर चढकर बोला
सुपर मैन और आयरन मैन
से एवेंजेर तक
सबका बन गया चेला
कहाँ गये विवेकानन्द ,
नेताजी सुभाष चंद्र से हीरो
बन गये इनके आदर्श
अब फिल्मिया हीरो
घट रहा है घुट रहा है
मासूमियत बचपन की
स्वभाव में रह गया बस
हरकत विडियो गेम सी
भटक रही है मरूभूमि में
मृगतृष्णा सी बचपन
सच की जमीन सरक गई
लड़कपन जिये उम्र पचपन


कान्ता राॅय
भोपाल
मौलिक और अप्रकाशित

Views: 413

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 4, 2015 at 10:00pm

इस अच्छी कोशिश केलिए बधाइयाँ, आदरणीया..

सादर

Comment by kanta roy on June 15, 2015 at 7:59am
आभार आपको आदरणीय कृष्णा मिश्रा जान गोरखपूरी जी रचना पसंदगी के लिये ।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 14, 2015 at 10:05pm

बहुत ही लाजवाब कविता!हार्दिक बधाई आ० कांता जी!

Comment by kanta roy on June 13, 2015 at 12:33pm
हृदय तल से आभार आपको आदरणीय समर कबीर जी मेरा हौसला वर्धन करने के लिए
Comment by Samar kabeer on June 13, 2015 at 10:52am
मोहतरमा कांता रॉय जी,आदाब,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by kanta roy on June 12, 2015 at 8:34pm
आभार आपको आदरणीय डा. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी कविता को सराहने के लिये ।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 12, 2015 at 8:06pm

आ० कांता जी

बहुत बढ़िया -वास्तविक चित्रण .  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
17 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service