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(गीतिका छंद)

14-14 मात्राए 


खुद पर तो विश्वास करे
अपना स्वयं विकास करे |

कुदरत से खिलवाड करे,
मेघ बरस कर नाश करे |

पर्यावरण का ध्यान धरे,
तब कुदरत से आस करे |

सभी वृक्ष भी जीव धरे
पक्षी जहां प्रवास करें |

मन से हम संकल्प करे
सब में हम विश्वास करे |

दुखिया से कभी पूछ्ले
काहे सदा उदास रहे |

उनसे हम क्या बात करे
आये दिन बकवास करे |

शाश्वत प्रेम सदैव रहे
अपनों पर विश्वास करे

जब तक बाती तेल रहे,
दीपक सदा प्रकाश करे |
(मौलिक व अप्रकाशित)
-लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 7, 2014 at 1:50pm
मैने रचना समान मात्रा भार= 14 मात्राए, समान्त(काफिया)- "आस" और पदांत(रदीफ़)-"करे" को लेकर की है | डॉ गोपाल नारायण जी ने बता दिया कि यह गीतिका छंद नहीं है, तो इसे गीत के रूप में ही माने | गीतिका छंद का पुनः ओबीओ पर आद सौरभ जी द्वारा अंकित विधान पढ़कर परयास करूंगा, आद बागी जी
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 7, 2014 at 1:27pm
आपका हार्दिक आभार श्री जितेन्द्र पस्तारिया जी |
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 7, 2014 at 1:26pm
गीतिका छंद विधान की जानकारी कराने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 6, 2014 at 11:47am

आदरणीय लडीवाला जी, क्या यह "गीतिका छंद" ही है ?

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 6, 2014 at 8:22am

सार्थक संदेशप्रद रचना. बधाई स्वीकारें आदरणीय लक्ष्मण जी

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 5, 2014 at 4:32pm

लडीवाला जी

यह गीतिका छंद नहीं है i गीतिका में प्रति  पद  (14,12) मात्राए होती है और दो पदों पर तुकांतता होती है i गीतिका में पदांत (1 2 ) होना जरूरी है i  मात्रा  का क्रम 14+9+1+2 होता है और तीसरी,दसवी, सत्रहवी तथा चौबीसवी मात्रा लघु होनी आवश्यक है  i

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2014 at 11:46am

हार्दिक आभार श्री श्याम नारायण वर्मा जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2014 at 11:40am

रचना पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री (डॉ) विजय शंकर जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 4, 2014 at 12:15pm

रचना के भाव पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार आद. श्री योगराज प्रभाकर जी | सादर 

Comment by Shyam Narain Verma on November 4, 2014 at 11:13am

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ... सादर बधाई

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