For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पूरे मोहल्ले में केवल बब्लू के घर की ही पक्की छत थी, बाकि सारे मकान कच्चे थे. बब्लू को बचपन से ही पतंगबाजी का बड़ा शौक था. हमेशा छत पर चढ़कर  पतंग उड़ाकर वो मोहल्ले के लोंगो, जो कि अपने आँगन से पतंगबाजी करते थे, सभी की पतंग काट दिया करता था. अभी  चार माह पहले ही पतंग उड़ाते हुए ,छत से बुरी तरह से नीचे जमीन पर गिर जाने के बाद भी बब्लू का पतंग उड़ाने का शौक तो नही गया, किन्तु अब छत की हद को बार-बार ध्यान में रखता हैऔर एक दिन में कई पतंगें कटवा देता है..

   

   जितेन्द्र ‘गीत’

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 788

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 21, 2017 at 9:52pm

हद में रहना जरुरी है , अच्छा सन्देश देती हुई इस कथा के लिए हार्दिक बधाई आपको आदरणीय |

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 21, 2017 at 9:51pm

हद में रहना जरुरी है , अच्छा सन्देश देती हुई इस कथा के लिए हार्दिक बधाई आपको आदरणीय |

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 2, 2014 at 9:04am

आपका ह्रदय से आभार, आदरणीय पवन भाई

सादर!

Comment by Pawan Kumar on November 1, 2014 at 10:52am

बहुत सुन्दर लघुकथा, सादर बधाई!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 1, 2014 at 10:39am

रचना पर आपकी प्रतिक्रिया, मेरे लिए आशीर्वाद है आदरणीय विजय जी. आपका ह्रदय से आभार, स्नेह बनाए रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 1, 2014 at 10:38am

आपकी बधाई सर आँखों पर, आदरणीय सौरभ जी. लघुकथा पर आपकी प्रतिक्रिया पाकर बेसब्री ख़त्म होगई. मन को बहुत धैर्य व् संतोष मिला. आपका ह्रदय से आभारी हूँ, स्नेह मार्गदर्शन बनाए रखियेगा

सादर!

Comment by vijay nikore on October 31, 2014 at 3:35pm

संदेश देती इस सार्थक लघु कथा के लिए बधाई, आदरणीय जितेन्द्र जी।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 31, 2014 at 1:52pm

आपकी कथा की पहुँच अच्छी है.  दूर तक की दृश्यावली दिखाती है. 

बहुत-बहुत बधाई, भाई जितेन्द्रजी

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 31, 2014 at 1:25pm

लघुकथा पर आपकी उपस्थिति पाकर, हमेशा बहुत ख़ुशी व् मनोबल मिलता है आदरणीय शुभ्रांशु जी. आपका ह्रदय से आभारी हूँ, स्नेह बनाए रखियेगा

सादर!

Comment by Shubhranshu Pandey on October 28, 2014 at 11:27am

हद में रह कर उड़ने की कला भी आ जायेगी...

सुन्दर कथा जितेन्द्र जी.

सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
9 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service