For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुंडलिया छंद-लक्ष्मण लडीवाला

 होली का तौहार ये, रंगों का तौहार,

प्रेम भाव बढ़ता रहे, माने सब आभार 

माने सब आभार, प्रकृति की छटा निराली 

मिटा कर भेद भाव, चखे प्रेम भरी प्याली

मित्रो से अनुरोध, बना रसियों की टोली 

टेसू का हो रंग, प्रेम से खेले होली  |

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 410

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 20, 2014 at 9:54am

छंद पसंद करते और उचित सुझाव देने हेतु हार्दिक बधाई श्री गिरिराज भंडारी जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 20, 2014 at 9:52am

ओबीओ में आपका स्वागात है | ओबीओ में ही छंद विधान का अवलोकन करे तो अच्छी जानकार हो जायेगी | कुंडलिया छंद (दोहा और रोला) में एक दोहा लिख कर दोहे की अंतिम पंक्ति (रोला) को दोहराते हुए दो रोले सहित कुल छ पंक्तियों का छंद है | इसमें रोले का समापन प्रथम पंक्ति के शब्द या शब्द समूह से करते है | सम्पूर्ण जानकारी हेतु छंद विधान के अंतर्गत देखना उचित होगा जहां समुचित शंकाओं का समाधान किया जा सकता है |

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 17, 2014 at 7:44pm

आदरनीय लक्ष्मण भाई , सुन्दर भावों से पगी आपकी कुन्दलिया के लिये बधाई ॥ मिटा कर भेद भाव, चखे प्रेम भरी प्याली , इस पंक्ति मे गेयता बाधित लग रही है । मिटा भेद के भाव ,प्रेम की पी ले प्याली ,  चाहे तो ऐसा कर सकते हैं

Comment by Omprakash Kshatriya on March 17, 2014 at 4:08pm

महोदय कुंडलिया छंद के बारे में बताए . आभारी रहूँगा .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
15 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
23 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. . समुन्दर ने नदी को ख़त लिखा है मुझे इन…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. जयहिन्द रायपुरी जी,पहली बार आपको पढ़ रहा हूँ.तहज़ीब हाफ़ी की इस ग़ज़ल को बाँधने में दो मुख्य…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service