For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंजान जिन्‍दगी से

उड़ती पतंगो की तरह

सोलह बसंत पार

चली साजन के घर

सजाये सपने प्‍यार के

चाहत के अरमान के

मगर तबाह हुई

जिन्‍दगी मेरी

उनके झूठ से

राम कृष्‍ण के वंशज

जमाना कर्जदार

बेटा परिवार का दिवाना

परदेश कमाता

परिवार का रखवाला

शर्मीला,शांत, सुशील

बड़े अरमान से पाला

सर्वगुण सम्पन्न है

क्‍या क्‍या सुनी कहानी

सपनो को मिली हवा 

हकीकत हकीकत थी  

ना छुट पायी मेहंदी

ना आँखो का काजल

हकीकत सामने थी

जिंन्‍दगी बेरंग 

टूट चुके थे सपने

बेटा  शराब का दिवाना

जुए में सब गवाता

कर्जदार जमाने का

बेशर्म, आवारा, अपराधी

रात में चोरी हमसे सीना जोरी

सर्व अवगुण सम्पन्न

रोती मैं

किस्‍मत को कोसती

वो कहते सोचा

तुझसे सुधर जायेगा

बोझ बड़ेगा लौट आयेगा

अब मैं कहाँ जाऊँ

जिसने पैदा किया

वही हारा 

मैं तो गैर हूँ

देव नहीं  पत्‍थर हूँ

आखिर क्‍यो चढ़ाया

किस हक से

इस अबला को

र्स्‍वाथ की वेदी पर

जलाया वंश की आग में

कसूर था मेरा 

किसी कोई हक नहीं अखंड

हमारे आँसू पोछने का

सब दोषी है

पूरा समाज दोषी है

आज हमारी इस दुर्दशा का

हमारी  दुर्दशा का

 

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी की रचना

Views: 677

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Priyanka singh on January 7, 2014 at 4:28pm

सब दोषी है

पूरा समाज दोषी है

आज हमारी इस दुर्दशा का

हमारी  दुर्दशा का...........यही सच है सभी दोषी है ......अच्छी रचना के लिए बधाई ....

Comment by Akhand Gahmari on January 7, 2014 at 4:18pm

आदरणीय  योगराज प्रभाकर जी उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें। आपके दिखाये मार्ग पर चलने का पूरा प्रयास करूगा


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on January 7, 2014 at 4:05pm

भाई अखंड गहमरी जी, आपका उत्साह और इस मंच पर उपस्थिति दोनों ही वंदनीय हैं. अपने बढ़िया लिखा है, बस केवल एक बात अवश्य समझें कि कविता सपाट बयानी से बहुत ऊपर उठ कर हुआ करती है. निरंतर प्रयासरत रहें, साथियों की रचनाएं और मंच पर होती चर्चायों पर ध्यान रखें, उससे आपकी रचनायों के स्तर में निश्चित ही गुणात्मक सुधार होगा ।

Comment by Akhand Gahmari on January 5, 2014 at 8:02pm

आदरणीय  गिरिराज भंडारी उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by Akhand Gahmari on January 5, 2014 at 8:01pm

आदरणीय Amod Kumar Srivastava उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by Akhand Gahmari on January 5, 2014 at 8:00pm

आदरणीया annapurna bajpai je उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by Akhand Gahmari on January 5, 2014 at 7:59pm

आदरणीया coontee mukerjiजी उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by Akhand Gahmari on January 5, 2014 at 7:58pm

आदरणीय गीत जी उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by annapurna bajpai on January 5, 2014 at 7:54pm

गंभीर विषय , हकीक्त दर्शाती रचना ,बधाई आपको आ0 गहमारी जी । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 5, 2014 at 8:04am

आदरणीय अख्ंड भाई , बहुत सुन्दर रचना की है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अभिवादन सादर।"
27 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रदत्त विषय को सार्थक करतीब हुत बढ़िया दोहावली की प्रस्तुति। इस…"
30 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आपने पर्यावरण के विभिन्न आयामों को सम्मिलित करते हुए एक बढ़िया प्रस्तुति दी…"
33 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रदत्त विषय पर बढ़िया कुंडलिया छंद हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
37 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। इस प्रस्तुति…"
41 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"धुंध गहरी और खाई दिख रही है  अब तरक्की में तबाही दिख रही है। बोझ से घायल हुआ सीना जमीं…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सहर्ष सदर अभिवादन "
13 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, पर्यावरण विषय पर सुंदर सारगर्भित ग़ज़ल के लिए बधाई।"
16 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर सारगर्भित कुण्डलिया छंद के लिए बहुत बहुत बधाई।"
16 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथलेश जी, सुंदर सारगर्भित रचना के लिए बहुत बहुत बधाई।"
16 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
16 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service