For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अमर उजाला में ग़ज़ल ०१ दिसंबर २०१३

दैनिक ’’ अमर उजाला ‘’ के राष्ट्रीय संस्करण - रविवासरीय ’ नयी ज़मीन ‘ में आज 01 दिसंबर 2013 को प्रकाशित मेरी एक ग़ज़ल ‘’अक्षरों में ख़ुदा दिखाई दे ‘’ मित्रों के लिए सादर !!

Views: 268

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on December 2, 2013 at 8:07am

आदरणीय अग्रज श्री सब आपका , सब आपके स्नेह का प्रतिफल है ..जो सीखा जाना सब यही से आप सबसे ..सम्पूर्ण ओ बी ओ टीम के प्रति श्रद्धा नत हूँ ...सादर नमन वंदन ..आभार आभार !!

Comment by Abhinav Arun on December 2, 2013 at 8:05am

आदरणीय सर्वश्री राम शिरोमणि जी , शिज्जू जी और संजू जी हार्दिक आभार आप सबका !!स्नेह मिलता रहे यही कामना है , ओ बी ओ मित्रों की मेरी यात्रा में अहम् भूमिका है मेरा अच्छा बुरा ,,सब यही का ..यही से !!

Comment by Abhinav Arun on December 2, 2013 at 8:04am

आदरणीय गीतिका जी बहुत आभार !!

Comment by वेदिका on December 2, 2013 at 7:56am

बधाई आ० अभिनव जी! हमने भी ये खासखबर सहेज ली थी|

Comment by ram shiromani pathak on December 1, 2013 at 7:24pm

बहुत बहुत बधाई आदरणीय अभिनव अरुण जी..........


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 1, 2013 at 5:56pm

बहुत बहुत बधाई हो आदरणीय अभिनव अरुण जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 1, 2013 at 4:11pm

ओबीओ के मंच से हुई उठान का ’अभिनव उजाला’ के ’अमरत्व’ तक जा पहुँचना भला लगा... :-)

ओबीओ पर जब यह ग़ज़ल आयी थी तब ही पाठकों से एकमत प्रशंसा बटोर ले गयी थी. 

पुनः बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ अनुज श्री.. 

Comment by sanju shabdita on December 1, 2013 at 3:23pm

आदरणीय अभिनव जी आपकी यह ग़ज़ल मैंने सुबह ही अमर उजाला में पढ़ ली थी ,पर यहाँ ओ बी ओ पर देखकर और भी अच्छा लगा

बहुत ही सुंदर और सशक्त ग़ज़ल हेतु आपको विशेष हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
11 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
12 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान की परिभाषा कर्म - केंद्रित हो, वही उचित है। आदरणीय उस्मानी जी, बेहतर लघुकथा के लिए बधाइयाँ…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service