For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल


भारत  माता  माँग  रही  है - इस  नीति  से  पूर  विधान |
जिसमें हों सब  भाई बराबर, जाति - धर्मं से दूर, समान ||

जिसमें किसी की हो न उपेक्षा, मिले बराबर का अधिकार,
सब  हों  माँ  के एक से बेटे- अधिकारी, मजदूर, किसान ||

तंग  दिलों  से  बाहर  आ  कर, आओ,  रचें हम वह संसार.
जिसमें  सुख की हो सुगंध पर हों न दुखों के क्रूर निशान ||

बात   जोहती   है  भारत माँ , बेटों   के  इस   न्याय   का ,
जिसकी  हो  सर्वत्र  प्रशंसा, दूर - दूर  तक जिसका गान ||

नीति  बदल  दो  वह  सारी  जो करे किसी पर अत्याचार,
वर्ना, सुनो  क्रांति  का  दस्तक, नहीं रहा जो दूर सिमान ||


                      रचनाकार - अभय दीपराज

Views: 294

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 25, 2010 at 9:12pm
प्रिय मित्र गणेश जी, रचनाओं को पढ़ने सराहना द्वारा रचनाधार्मिता को प्रोत्साहित करने की आपकी मानसिकता को मेरी तरफ से धन्याबाद | मैं अन्य रचनाकारों की रचना पर अपनी टिप्पणी इन दिनों समय के अभाव में नहीं दे पा रहा हूँ किंतु निस्संदेह मैं ओपन बुक ओंन लाइन मंच और इसके सभी रचनाकारों का हृदय से आभारी हूँ| आप सब का - अभय दीपराज

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 25, 2010 at 8:34pm
देश भक्ति से ओत प्रोत यह ग़ज़ल बेहद खुबसूरत है, एक सार्थक सपना आपने देखा है, काश ऐसा ही हो , बेहतरीन अभिव्यक्ति पर बधाई, उम्मीद है कि आगे भी आपकी ग़ज़ल और अन्य रचनाओं पर भी टिप्पणियाँ पढने को मिलेगी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service