For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैने नेता ज़ी से पूछा-
चरित्र किसे कहते हैं?
नेता जी बोले- आप भी कमाल करते हैं
मैं और चरित्र
हो पूरे विचित्र
जब तक रहा चरित्र से वास्ता
ढूँढे नही मिला विधान सभा का रास्ता
 

Views: 517

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 24, 2013 at 8:41am

राजनेता पर सुन्दर व्यंग रचना सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by aman kumar on May 23, 2013 at 1:47pm

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
साभार

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 22, 2013 at 5:28pm

व्यंग में सत्य वचन | चरित्रवान हार जाते है, बाजीगर जीत जाते है | बधाई 

Comment by Abhinav Arun on May 22, 2013 at 9:39am

क्या कहने भाई वाह बड़ा सटीक सशक्त व्यंग्य !!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on May 22, 2013 at 4:46am

वाह वाह! क्या सटीक व्यंग्य है!

Comment by राज लाली बटाला on May 21, 2013 at 9:05pm

सटीक व्यंग !! .बहुत सुंदर aditya chaturvedi ji.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 21, 2013 at 8:56pm

आ0 आदित्य भाई जी, शानदार एवं सटीक व्यंग! तहेदिल से हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on May 21, 2013 at 5:59pm

वाह वाह यद्यपि आपकी यह व्यंग रचना मैंने गोष्ठी में सुनी थी किन्तु सराहना से तब मन नहीं भरा था ....बहुत सुंदर वाह वाह 

Comment by बृजेश नीरज on May 21, 2013 at 2:37pm

आयोजन का एक बार फिर से आनंद मिल रहा है आदरणीय मंच संचालक महोदय! बहुत बहुत बधाई इस सुंदर रचना के लिए!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service