For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फिल्म दलदल हेतु गीत चाहिए...

 

आदरणीय ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सदस्यों, जैसा की आप सभी को पता है कि मैं बालीवूड के कलाकारों को लेकर एक हिंदी फ़िल्म जागरण फिल्म्स के बैनर तले "दलदल" बनाने जा रहा हूँ , इस फ़िल्म के कई गीतों की रेकॉर्डिंग हो गई है |
एक गीत मुजरा हेतु चाहिए, आप अपनी रचना मेरे इ मेल आई डी jagranfilm@gmail.com या ravikumarguru@india.com पर भेज सकते है, जिस रचना का चयन किया जायेगा उस रचनाकार को उचित पारिश्रमिक दिया जायेगा तथा गीतकार के रूप में फ़िल्म में जगह दिया जायेगा |
दृश्य कुछ इस प्रकार है ..................
एक युवा लड़की जो पूर्व में एक फ़िल्म में बाल कलाकार के रूप में काम कर चुकी है उसको उसके अपनों के द्वारा ही कोठे पर पैसो के लालच में पंहुचा दिया जाता है, वहा पर उसका दैहिक और मानसिक शोषण होता है | वो लड़की कोठा पर मुजरा करती है | लड़की मुजरे के द्वारा अपने दर्द को व्यक्त करना चाहती है |


 

रवि कुमार गुरु


सीईओ


जागरण फिल्म्स


(प्रबंधक ओ बी ओ की अनुमति से)

Views: 3168

Reply to This

Replies to This Discussion

Hello Sir , Though I m a Model , still I do write some songs, so here it is 4 U:

Ek pal ka tera maza , meri sari javani , Tere naam mera Gulabi Badan Mere naam katon ki sej sahi,........................

 

ye kotha toh hai ek daldal  , dhaste hi  ja rahi hun jitna nikalna mei chahu utna hi fasti mai ja rahi hu

Mera nasha hai Jism ka pyaala , Isne masumiyat ko bachpan me  jala dala,

Kothe ki  Daulat ne mujhko hai paala, mere badan ki aisi hai Jwala, loot na sake koi daulatwala.

 

Ek pal ka tera maza , meri sari javani , Tere naam mera Gulabi Badan Mere naam katon ki sej sahi,........................

 

dekhen hai duniya me daulatwale kai , lekin nahi koi dilwala , chahat badan ki hai sabko magar, koi nahi hai hamko chahnewala, Jo chahat ke daldal me mujhko fasale aisa nahi koi dilwala.

Milega woh sathi kahan , jiski banoongi deewani, Kitne me karloonjatan , ek din mile der saver sahi..............

Ek pal ka tera maza , meri sari javani , Tere naam mera Gulabi Badan Mere naam katon ki sej sahi,........................

Ek pal ka tera maza , meri sari javani , Tere naam mera Gulabi Badan Mere naam katon ki sej sahi,........................

 

 

 

रवि जी, दुःख की घड़ी में  ईश्वर आपको और आपके पूरे परिवार को ये दुख सहने की शक्ति दे और आपके चाचा जी की आत्मा को शांति प्रदान करे।

यह घोषणा करते हुए हमें ख़ुशी हो रही हैं की OBO सदस्यों द्वारा भेजा गया मुजरा के लिए गीत का चुनाव हो गया हैं, जागरण फिल्म्स के सदस्यों द्वारा चयनित गीत के गीतकार हैं OBO सदस्य शकूर खान जी, जो मोतिहारी बिहार से हैं |

 

रवि कुमार गुरु

सीईओ

जागरण फिल्म्स

 

गुरु जी आपका गीत चयन का प्रयास रंग लाया ख़ुशी हुई , इस मंच का सार्थक उपयोग भी इस नाते  हुआ !! शकूर जी को बहुत बधाई और शुभकामनाएं !! 

शुभकामनाएँ.

बधाई शकूर खान जी 
आपके गीत के बोल सचमुच मदहोश करने वाले  हैं ,
"मदहोश नजर के खंजर से , मदहोश जवानी दिखती हैं ,
मुमकिन हो अँधेरी रात सही , दोनों की निगाहे मिलती हैं "

बधाई हो गुरूजी, आपके फिल्म दलदल के लिए आपको गीत मिल चुका है ,आपके फिल्म के सफल निर्देशन और आगामी प्रदर्शन के लिए अतेन्द्र की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं -------

                     अतेन्द्र कुमार सिंह "रवि" 

 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"इस पटल के लघुकथाकार अपनी प्रस्तुतियों के साथ उपस्थित हों"
45 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"उत्साहदायी शब्दों के लिए आभार आदरणीय गिरिराज जी"
5 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आदरणीय अजयन  भाई , परिवर्तन के बाद ग़ज़ल अच्छी हो गयी है  , हार्दिक बधाईयाँ "
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आदरणीय अजय भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई ,  क्यों दोष किसी को देते हैं, क्यों नाम किसी…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. नीलेश भाई बेहद  कठिन रदीफ  पर आपंर अच्छी  ग़ज़ल कही है , दिली बधाईयाँ "
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. नीलेश भाई , बेहतरीन ग़ज़ल हुई है ,सभी शेर एक से बढ कर एक हैं , हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )

१२२२    १२२२     १२२२      १२२मेरा घेरा ये बाहों का तेरा बन्धन नहीं हैइसे तू तोड़ के जाये मुझे अड़चन…See More
11 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं

मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं मगर पाण्डव हैं मुट्ठी भर, खड़े हैं. .हम इतनी बार जो गिर कर खड़े हैं…See More
11 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)

देखे जो एक दिन का भी जीना किसान का समझे तू कितना सख़्त है सीना किसान का मिट्टी नहीं अनाज उगलती है…See More
11 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service