For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ईश अंश ही अजर अमर है
=================

शास्वत सत्य सनातन जानो, ईश-अंश ही अजर-अमर है ।
शेष सभी जीवों का निश्चित, होता आया जन्म-मरण है ।।

जन्म-मरण की विधि नैसर्गिक, कोई रोक नहीं सकता है ।
जीव-जगत का शास्वत खेला, कर्मों पर निर्भर करता है ।।
स्थूल शरीरा सब जीवों का, पञ्च-तत्व से निर्मित घर है ।
शास्वत सत्य सनातन जानो, ईश-अंश ही अजर-अमर है ।।

भटके मृग पाने कस्तूरी, रहती लेकिन प्यास अधूरी ।
कर्म-प्रधान सभी ने माना, सद्कर्मो से क्यों फिर दूरी ।।
आया जो भी जीव जगत में, सबका ही जीवन नश्वर है ।
शास्वत सत्य सनातन जानो, ईश-अंश ही अजर-अमर है ।।

क्षण-भंगुर जीवन जीवों का, उठे बुलबुला जैसे पानी ।
मृत्यु-लोक में आना-जाना, सुनते आये कथा पुरानी ।।
मन मंदिर में वास ईश का, करते उसकी नहीं कदर है ।
शास्वत सत्य सनातन जानो, ईश-अंश ही अजर-अमर है ।।

- लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला

Views: 168

Reply to This

Replies to This Discussion

सभी को सादर प्रणाम ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"मुशायरे मे सहभागिता पर बधाई आ0 गिरिराज जी। सभी गुणीजन ग़ज़ल पर लगभग सब कुछ कह चुके हैं। आप सबकी राय…"
3 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"शुक्रिया भाई गुरप्रीत सिंह जी। नीलेश जी के सुझाव सदैव प्रभावकारी होते हैं। प्रयास रहता है उन्हें…"
7 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"हार्दिक आभार आदरणीय शिजजु जी"
8 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"ग़ज़ल पर आकर अपने विचार रखने के लिए आभार ऋचा जी ."
8 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"ग़ज़ल को अपनी उपस्थिति से नवाज़ने के लिए आभार आदरणीय सौरभ जी। जी बेशक़ सुधार की गुज़ाइश तो हमेशा बनी…"
9 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"वाह वाह गजेन्द्र भाई, शानदार ग़ज़ल। और मैं अगर इसे हासिल-ए-मुशायरा कहूँ तो शायद किसी को भी अतिशयोक्ति…"
12 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गजेंद्र श्रोत्रिय जी वो दवा के साथ ज़िक्र-ए-यार भी करते रहे चारा-गर मेरे मुझे बीमार भी करते…"
26 minutes ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"वाह वाह आदरणीय गजेन्द्र जी, क्या ही शानदार ग़ज़ल कह दी है आपने। इस मुशायरे की बेस्ट ग़ज़लों में से…"
31 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आप भी आइए गुरप्रीत जी, बहुत समय से आपकी ग़ज़ल भी नहीं पढ़ी।"
39 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज सर, ऐसा लग रहा है कि यह ग़ज़ल आपने जल्दबाज़ी में लिखी है। इस पर अच्छे सुझाव भी आए…"
40 minutes ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जी सर, पाठक के तौर पर हाज़िर हूं जी।"
41 minutes ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"इस बार तो नहीं हो पाएगा सर जी। अगली बार जरूर शिरकत होगी"
42 minutes ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service