For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल- कोख में आने से साँसों के ठहर जाने तक

बह्र- 2122   1122   1122  112/22

कोख में आने से साँसों के ठहर जाने तक
ज़िन्दगी में सकूँ मिलता नहीं मर जाने तक

मुफ़लिसी नेक दिली और ज़माने का दर्द
ये सभी सिर्फ़ सियासत में उतर जाने तक

शादी लड्डू ही नहीं एक बला है इसका
होता अहसास नहीं पंख कतर जाने तक

यार बरसात किसे अच्छी नहीं लगती मगर
खेत खलियान नदी ताल के भर जाने तक

हर तरफ़ शह्र में ख़ूँख़ार दरिन्दे घूमें
बेटियाँ ख़ौफ़ज़दा लौट के घर जाने तक

चाँदनी पर न तू इतरा ऐ हसीं चाँद बहुत
ये चमक तेरी है बस रात गुज़र जाने तक

यातना चीर हरण अग्नि परीक्षा पग-पग
झेलतीं नारियाँ ये जन्म से मर जाने तक 

शाह जैसा ही समझता है शराबी ख़ुद को
ज़ह्न से मय का नशा यार उतर जाने तक

फ़न में वो बात नहीं होती जिसे उम्दः कहें
'नाथ' ये सोचले उस्ताद के दर जाने तक 

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 607

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on August 7, 2020 at 4:49pm

आद0 तेजवीर सिंह जी सादर अभिवादन

आपकी ग़ज़ल ग़ज़ल पर उपस्थिति और प्रतिक्रिया का हृदयतल से धन्यवाद। सादर

Comment by नाथ सोनांचली on August 7, 2020 at 4:48pm

आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन

आपकी ग़ज़ल ग़ज़ल पर उपस्थिति और प्रतिक्रिया का हृदयतल से धन्यवाद। सादर

Comment by नाथ सोनांचली on August 7, 2020 at 4:48pm

आद0 ब्रजेश कुमार 'ब्रज' जी सादर अभिवादन

आपकी ग़ज़ल ग़ज़ल पर उपस्थिति और प्रतिक्रिया का हृदयतल से धन्यवाद। सादर

Comment by नाथ सोनांचली on August 7, 2020 at 4:47pm

आद लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी सादर अभिवादन

आपकी ग़ज़ल ग़ज़ल पर उपस्थिति और प्रतिक्रिया का हृदयतल से धन्यवाद। सादर

Comment by TEJ VEER SINGH on August 6, 2020 at 11:29am

हार्दिक बधाई आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी। बेहतरीन गज़ल।

मुफ़लिसी नेक दिली और ज़माने का दर्द
ये सभी सिर्फ़ सियासत में उतर जाने तक

हर तरफ़ शह्र में ख़ूँख़ार दरिन्दे घूमें
बेटियाँ ख़ौफ़ज़दा लौट के घर जाने तक

Comment by आशीष यादव on August 5, 2020 at 1:54pm

बहुत बढ़िया। खूबसूरत खयालातों की यह ग़ज़ल पढ़कर बहुत अच्छा लगा। बधाई स्वीकार कीजिए।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 4, 2020 at 10:10pm

वाह आदरणीय खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई...

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 4, 2020 at 5:45pm

आ. भाई सुरेन्द्र नाथ जी, सादर अभिवादन । बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by नाथ सोनांचली on August 4, 2020 at 2:26pm

आद0 रवि भसीन 'शाहिद' भाई जी सादर अभिवादन

आपकी दाद पाकर प्रफुल्लित हूँ। शुक्रियः आपका। सादर

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on August 4, 2020 at 2:17pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहिब, आदाब! आपको इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर दिली मुबारकबाद जनाब, और मतले के लिए विशेष तौर पे दाद क़ुबूल करें!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service