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आग नई फिर बुन लो ना ( गीत)

क्यों बुझे बुझे से बैठे हो ,

आग नई फिर बुन लो ना |

भटक गए गर राह कहीं तुम ,

राह नई फिर चुन लो ना |

बुझे बुझे से ...........

दुःख सुख तो हैं आते जाते  ,

बात सभी हैं ये ही कहते  |

भूल के बातें कल की सारी,

आज नई फिर चुन लो ना

बुझे बुझे से ...........

रातें  कितनी भी हो घनेरी ,

सुबह उतनी ही होती सुनेरी  |

टूट गए गर ख़्वाब सलोने ,

ख़्वाब नया  फिर बुन लो ना

बुझे बुझे से ...........

मन से हारे हार है जानो 

मन से जीते जीत है मानो  |

जीत  सको तो मन को जीतो ,

बात यही तुम गुनलो ना |

बुझे बुझे से ...........

 ************

मौलिक  और अप्रकाशित 

महेश्वरी कनेरी......

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Comment

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Comment by Neelam Upadhyaya on May 10, 2018 at 2:08pm

आदरणीया माहेश्वरी कनेरी जी, नमस्कार । बहुत ही सुंदर रचना की प्रस्तुति । बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Maheshwari Kaneri on May 10, 2018 at 11:21am
आप सभी का आभार ...
Comment by Maheshwari Kaneri on May 10, 2018 at 11:21am
नस्कार समीर कबीर जी
..,सुझाव हेतु बहुत बहुत धन्यवाद ,मै अभी इसका पालन करती हूँ ..उम्मीद करुँगी कि आगे भी मेरी .गलतियों को नजर अंदाज न कर मुझे नेक सलाह सुझाव देकर .मुझे कृतार्थ करंगे
पुन: आभार आप का ....
Comment by Mohammed Arif on May 10, 2018 at 8:14am

आदरणीया माहेश्वरी कनेरी जी आदाब,

                             बहुत ही सुंदर गीत लिखा है आपने । आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब के सुझावों और सुधारों पर तत्काल प्रभाव से संज्ञान लें , फिर देखिए गीत में कैसे निखार आ जाएगा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Samar kabeer on May 9, 2018 at 6:03pm

मोहतरमा माहेश्वरी कनेरी जी आदाब,बहुत सुंदर गीत रचा आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'दुःख सुख तो है आनी जानी'

इस पंक्ति में "दुःख सुख" पुल्लिंग है, इसलिये 'आनी जानी' के बजाय "आते जाते" होना चाहिए न?

'ख़्वाब नई फिर बुन लो ना'

इस पंक्ति में भी "ख़्वाब" शब्द पुल्लिंग है, इसलिये 'नई' को "नये" होना चाहिये ।

'मन से हारे हुए है प्यारे

मन से जीते जीत सखा रे

जित सको तो मन को जीतो'

इस बन्द में ऊपर की दो पंक्तियों में सम्बोधन एक वचन है, और अंतिम पंक्ति में बहुवचन? देखियेगा ।

'बात यही तुम गु लो ना'

इस पंक्ति में 'गु' को आप "गुन" लिखना चाहती थीं?

कुछ पंक्तियों में अनुस्वार लगना थे जो नहीं लगे,इन टंकण त्रुटियों पर भी ध्यान दें ।

Comment by ram shiromani pathak on May 9, 2018 at 4:29pm

सुंदर गीत।।बधाई

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